2018 में भारत में कैंसर के 11.6 लाख नए मामले सामने आए थे. पिछले साल विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और उसके साथ काम करने वाली ‘इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर’ (आईएआरसी) ने दो रिपोर्ट जारी की थी. ...
हैदराबाद में महिला चिकित्सक के बलात्कार और हत्या के बाद पुलिस द्वारा चार गिरफ्तार आरोपियों को ‘‘मुठभेड़’’ में मारा गया, तब भी देश ऐसे ही खुश हुआ था. हम किसी विकास के मारे जाने पर खुश तो होते हैं लेकिन यह नहीं सोचते कि विकास पैदा कैसे होते हैं और कैसे ...
लॉकडाउन के तत्काल बाद जब प्रवासी मजदूर करोड़ों की तादाद में अपने गृह-राज्य को जाने लगे तो सरकारों को हकीकत समझ में आई कि किस तरह उत्पादन में अतुलनीय लेकिन गुमनाम भूमिका निभाने वाले इन मजदूरों का उद्यमी सस्ते श्रम की तलाश में दलालों के मार्फत केवल शोषण ...
बिहार के गया जिले के एक गांव में एक महिला ने अपने तीन बच्चों के साथ जहर खा लिया. वह और उसकी एक बेटी मर गए लेकिन एक बेटा और एक बेटी मौत से जूझ रहे हैं. कारण : पति लॉकडाउन में दूसरे राज्य में काम न मिलने के कारण घर आया और खेती करने लगा जबकि पत्नी उसके ...
भारतीय सैनिक जो बुलेटप्रूफ जैकेट या सुरक्षा-कवच सीमा पर युद्ध के समय इस्तेमाल करते हैं उनमें चीन का माल लगा हुआ है. देश में बच्चे से बूढ़े तक बुखार व दर्द कम करने के लिए जिस पैरासिटामॉल का इस्तेमाल करते हैं उसका कच्चा माल चीन से आता है. देश में बनने व ...
उद्यमिता के लिए ‘वोकल फॉर लोकल’ का नारा नहीं, अच्छी क्वॉलिटी का माल बनाना होगा और वह तब होगा जब बैंक और उद्योग विभाग का सिस्टम भ्रष्ट न हो, मददगार हो यानी कार्य-संस्कृति बदली जाए. ...
कोरोना से मृत्यु-दर भले ही कम हो लेकिन इतिहास गवाह है कि आर्थिक गतिविधि लंबे समय तक रुकने के अपरिहार्य परिणाम में भूख से मौत की दर सौ फीसदी होती है. देश को इससे भी बचना था. ...
प्रवासी मजदूरों की संख्या, शहरी-औद्योगिक-सामाजिक जीवन में उनकी अनकही लेकिन बेहद महत्वपूर्ण भूमिका और उनके अचानक भय-जनित पलायन के बाद की स्थिति ने सरकार ही नहीं, उपभोक्ता-संभ्रांत-शोषक समाज को भी हिला दिया है. ‘अगर वे नहीं लौटे तो क्या’ प्रश्न, इन सभी ...