निरंकार सिंह का ब्लॉग: कैंसर से जंग अब पहले के मुकाबले हुई आसान
By एनके सिंह | Published: February 4, 2021 01:49 PM2021-02-04T13:49:02+5:302021-02-04T13:53:04+5:30
2018 में भारत में कैंसर के 11.6 लाख नए मामले सामने आए थे. पिछले साल विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और उसके साथ काम करने वाली ‘इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर’ (आईएआरसी) ने दो रिपोर्ट जारी की थी.
हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है. इस बीमारी की रोकथाम करने और जागरूकता फैलाने हेतु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ये दिवस मनाया जाता है.
कैंसर आज भी दुनिया की सबसे भयावह बीमारियों में से एक है. डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट में 10 भारतीयों में से एक को अपने जीवनकाल में कैंसर होने और 15 में से एक की इस बीमारी से मौत होने की आशंका जताई गई है.
रिपोर्ट के अनुसार 2018 में भारत में कैंसर के 11.6 लाख नए मामले सामने आए थे. पिछले साल विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और उसके साथ काम करने वाली ‘इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर’ (आईएआरसी) ने दो रिपोर्ट जारी की थी.
एक रिपोर्ट बीमारी पर वैश्विक एजेंडा तय करने पर आधारित है और दूसरी रिपोर्ट इसके अनुसंधान एवं रोकथाम पर केंद्रित है. वल्र्ड कैंसर रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2018 में कैंसर के कारण 784800 लोगों की मौत हो गई.
हमारे देश की बहुसंख्यक गरीब आबादी के पास कैंसर से समय पर सतर्क होने और जूझने की क्षमता नहीं है. कैंसर के अस्पतालों का अकाल तो है ही, पर बड़े अस्पतालों तक गरीबों की पहुंच बड़ी मुश्किल है. इसलिए अस्पतालों में पहुंचने से पहले या आधे-अधूरे इलाज से तमाम लोगों की मौत हो जाती है.
इस बात को ध्यान में रखकर दो साल पहले एक संसदीय समिति ने कैंसर के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए देश भर में विशिष्ट इलाज केंद्र (ट्रीटमेंट हब) बनाने की सिफारिश की थी ताकि मरीजों को एक ही जगह इलाज की सभी सुविधाएं मिल सकें और उन्हें लंबी दूरी तय कर इलाज के लिए महानगरों में न जाना पड़े.
इस समिति की सिफारिशों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खास ध्यान दिया है. सरकार कैंसर के इलाज के लिए देश भर में एक मजबूत इन्फ्रास्ट्रर को तैयार कर रही है.
इससे कैंसर का इलाज अब आसान हो रहा है. प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) में शामिल देश के गरीब कैंसर मरीज भी जल्द ही अब घर बैठे विश्वस्तरीय डॉक्टरों से सलाह ले सकेंगे.
पीएमजेएवाई का संचालन करने वाली संस्था राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) कैंसर के इलाज के लिए टाटा मेमोरियल अस्पताल की ओर से विकसित नाव्या ऐप की सेवाएं लेने की तैयारी में है.
इससे एक बार डॉक्टर को दिखा लेने के बाद मरीज को बार-बार डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ेगा. ऐप में मरीज का डाटा डालकर विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श हासिल किया जा सकेगा.