वोट प्रतिशत और सीटों की चर्चा करने वाले इन पारंपरिक किस्म के सर्वेक्षणों से अलग हटते हुए एक ऐसी रायशुमारी भी हुई है जो राजनीतिक हवा का अनुमान विश्वास या ट्रस्ट के संदर्भ में लगाती है. ...
मोदी के नेतृत्व में पार्टी इस छोटे से लेकिन स्थायी किस्म के जनाधार की भावनाओं से बेपरवाह हो कर निचली और कमजोर जातियों में अपना आधार बढ़ाने की कवायद में लगी रही. ...
भाजपा के सरबराह अभी इस बात से सचेत नहीं हैं कि इस फैसले के पीछे एक और पूर्व-धारणा काम कर रही है. वे मान कर चल रहे हैं कि पार्टी ने पिछड़े वर्गो और अनुसूचित जातियों के लिए काफी कुछ कर दिया है, इसलिए वे इस आरक्षण के खिलाफ कोई प्रतिक्रिया नहीं करेंगे. ...
संघ की तरफ से की जा रही यह मांग उसकी अपनी सरकार से थी, न कि किसी गैर-भाजपा सरकार से। जब नरेंद्र मोदी ने कानूनी प्रक्रिया पूरी किए बगैर अध्यादेश लाने से इनकार किया तो स्पष्ट हो गया कि संघ परिवार अपनी ही सरकार से यह मांग मनवाने में नाकाम रहा है। ...
नये साल का सबसे दिलचस्प सवाल यह है कि नरेंद्र मोदी 2014 में चुनाव लड़ते समय ज्यादा मजबूत थे या 2019 में चुनाव लड़ते समय होंगे? प्रेक्षकों के बीच मोटे तौर पर इतनी सहमति तो है ही कि नरेंद्र मोदी की मौजूदा स्थिति 2014 जितनी ठोस नहीं है. उस समय जब भाजपा ...
अगर ये गठजोड़ होते हैं तो भारतीय जनता पार्टी को 2019 में गैर-भाजपा ताकतों की चुनावी एकता के कहीं बेहतर इंडेक्स का सामना करना पड़ेगा. तीसरा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के चुनाव-उपरांत सर्वेक्षणों में दो बातें निकल कर आई हैं जो भाजपा के लिए खास तौर पर चिं ...
राहुल गांधी ने एक और क्षमता का प्रदर्शन किया है. अपने क्षेत्रीय नेताओं पर भरोसा करके उन्होंने दिखा दिया है कि वे अपने से पहले के कांग्रेस नेताओं से कुछ अलग हैं. राहुल गांधी ने बूथ स्तर पर पहले से कहीं ज्यादा बेहतरीन बंदोबस्त करके यह दिखाया कि कांग्र ...
दरअसल, कांग्रेस और भाजपा सरकारों की किसान-विरोधी नीतियों की कहानी बीस साल से भी पुरानी है। 1983-84 से लेकर 2010-11 के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पादन में खेती का योगदान घट कर आधा हो चुका था, ...