पोर्ट लुई, 11 फरवरी मॉरीशस के पूर्व विदेशमंत्री नंदकुमार बौद्ध ने बृहस्पतिवार को कहा कि हिंद महासागर के इस द्विपीय देश की स्थिति ऐसे समय में ‘अत्याधिक चिंताजनक’ हो गई है जब वह कई मोर्चों पर भयभीत करने वाली चुनौतियों का सामना कर रहा है।
उन्होंने छह फरवरी को सरकार एवं सत्तारूढ़ पार्टी मिलिटेंट सोशलिस्ट मूवमेंट (एमएसएम) से भी इस्तीफा दे दिया था।
बौद्ध (67 वर्षीय) ने कहा कि अब उनकी इच्छा देश के लिए नई दृष्टि के साथ काम करने की है क्योंकि उनका राजनीतिक मिशन एक मुकाम पर पहुंच गया है।
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘नई दृष्टि में सभी मॉरीशसवासियों के सपनों एवं महत्वकांक्षाओं का समावेश होगा। जब हम मॉरीशस के लोगों को सुनते हैं तो स्पष्ट होता है कि उनके आदर्श एवं महत्वाकांक्षाएं अब तक राजनीतिक वर्ग द्वारा की गई पेशकश से परे है।’’
भयभीत करने वाली चुनौतियों के बारे में पूछने पर पूर्व विदेशमंत्री ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ हम कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं जैसे कोविड-19 महामारी से उबरना, लोग नौकरियां गंवा रहे हैं, लोगों के पास बहुत कम पैसा है, उनकी क्रय शक्ति कम हो रही है, सामाजिक-आर्थिक समस्याओं के अलावा भ्रष्टाचार की समस्या है।’’
उन्होंने यूरोपीय संघ द्वारा मॉरीशस को काली सूची में डालने का भी मुद्दा उठाया।
उल्लेखनीय है कि यूरोपीय संघ ने पिछले साल मॉरीशस को उन 11 देशों की संशोधित सूची में डाल दिया था जिनके पास धनशोधन रोकने एवं आतंकवाद के वित्तपोषण पर लगाम लगाने के लिए रणनीतिक ढांचे की कमी है।
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