नई दिल्ली: पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में ज्यूरियन खाड़ी के पास एक समुद्र तट पर मध्य जुलाई में मिली रहस्यमयी वस्तु की पहचान हो गई है। ऑस्ट्रेलिया की अंतरिक्ष एजेंसी ने रहस्यमयी वस्तु की पहचान भारतीय रॉकेट के मलबे के रूप में की है। ऑस्ट्रेलिया की अंतरिक्ष एजेंसी ने सोमवार, 31 जुलाई को बताया कि जुलाई के मध्य में ज्यूरियन बे के पास बार्नेकल-एन्क्रस्ड सिलेंडर की खोज की गई थी।
रहस्यमयी वस्तु को लेकर कई तरह के कयास लगाए गए थे। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इसे मलेशिया के लापता विमान MH370 का मलबा तक कहा गया था। हालांकि अब रहस्यों से पर्दा उठ गया है।
ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी (एएसए) ने वस्तु की जांच करने के बाद पुष्टि की है कि यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा संचालित "ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान के तीसरे चरण के भाग" का संभवतः मलबा था। हालाँकि भारतीय एजेंसी ने अभी तक इस रिपोर्ट की सार्वजनिक रूप से पुष्टि नहीं की है।
ऑस्ट्रेलियन स्पेस एजेंसी ने ट्वीट किया, "हमने निष्कर्ष निकाला है कि पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में ज्यूरियन खाड़ी के पास एक समुद्र तट पर स्थित वस्तु ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के तीसरे चरण का एक भाग हो सकती है। पीएसएलवी इसरो द्वारा संचालित एक मध्यम-लिफ्ट प्रक्षेपण यान है।"
ऑस्ट्रेलियन एजेंसी की तरफ से बताया गया है कि मलबे को स्टोर करके रखा गया है। साथ ही एजेंसी ने लोगों से एक अपील भी की है। एजेंसी ने कहा है कि अगर किसी को कोई और संदिग्ध मलबा दिखे तो उन्हें इसकी सूचना स्थानीय अधिकारियों को देनी चाहिए।
बता दें कि समंदर के किनारे मिली यह चीज दो मीटर ऊंची और करीब दो मीटर चौड़ी थी। यह इसरो के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के दो दिन बाद ही ऑस्ट्रेलिया के तट पर मिली थी इसलिए सबसे पहले इसके भारतीय रॉकेट की मलबा होने की शंका ही जताई गई थी। हालांकि अब इस रहस्य से पर्दा उठ गया है।