कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दखलंदाजी बरकरार है। फ्रांस में हो रहे जी-7 सम्मेलन से इतर सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप मुलाकात करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम मोदी से ट्रंप जानना चाहते हैं कि कश्मीर में मानवाधिकार और इलाकाई शांति के लिए विश्व के बड़े लोकतंत्र भारत की क्या योजना है।
अमेरिकी अधिकारी ने मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुए बताया, 'हम उम्मीद करते हैं कि भारत-पाकिस्तान के रिश्तों का मुद्दा उठाया जाएगा। कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म करना भारत का आंतरिक मामला है, लेकिन क्षेत्रीय शांति के साथ। राष्ट्रपति ट्रंप पीएम मोदी से जानना चाहते हैं कि क्षेत्रीय शांति के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं।'
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 16 अगस्त को यूएनएससी की बैठक के कुछ घंटे पहले भारत को लगा कि जम्मू कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका भ्रम की स्थिति में है। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के डेप्यूटी सेक्रेटरी जॉन सुलिवॉन के साथ बैठक की और उन्हें यह संदेश दिया कि भारत नजर रख रहा है कि कश्मीर पर कौन किसके साथ है। इस मुलाकात का असर हुआ और अमेरिका ने अपनी स्थिति स्पष्ट की।
जी-7 सम्मेलन के इतर मोदी ने जॉनसन से की भेंट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ब्रिटेन के अपने समकक्ष बोरिस जॉनसन से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, रक्षा,शिक्षा जैसे अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग प्रगाढ़ करने के तरीकों पर चर्चा की। फ्रांस के दक्षिण-पश्चिम में स्थित शहर बिआरित्ज में जी-7 शिखर सम्मेलन के इतर मोदी ने जॉनसन से मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत के आरंभ में प्रधानमंत्री जॉनसन को एशेज श्रृंखला के तीसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड की शानदार जीत पर बधाई दी।
पिछले महीने जॉनसन के प्रधानमंत्री बनने के बाद यह दोनों नेताओं के बीच होने वाली पहली मुलाकात है। जून 2016 में ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से हटने के बारे में वोट के बाद जॉनसन कम ही समय में डेविड कैमरन और टेरीजा मे के बाद तीसरे प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए हैं। इस सप्ताह के शुरू में टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान जॉनसन ने मोदी से कहा था कि जहां तक ब्रिटेन का विचार है तो कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से भारत की दो टूक
भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के निर्णय के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस पर पाकिस्तान की ओर से तीखी प्रतिक्रिया जतायी गई। भारत ने स्पष्ट तौर पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कह दिया है कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर खंडों को समाप्त करना उसका आंतरिक मामला है। भारत ने इसके साथ ही पाकिस्तान को वास्तविकता स्वीकार करने की सलाह भी दी थी।
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर