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इजराइल स्थित एनएसओ ग्रुप के स्पाइवेयर ने पत्रकारों, कार्यकर्ताओं को बनाया निशाना

By भाषा | Updated: July 19, 2021 13:37 IST

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बोस्टन, 19 जुलाई (एपी) लीक हुए आंकड़ों के आधार पर की गई एक वैश्विक मीडिया संघ की जांच के बाद इस बात के और सबूत मिले हैं कि इजराइल स्थित कंपनी ‘एनएसओ ग्रुप’ के सैन्य दर्जे के मालवेयर का इस्तेमाल पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और राजनीतिक असंतुष्टों की जासूसी करने के लिए किया जा रहा है।

पत्रकारिता संबंधी पेरिस स्थित गैर-लाभकारी संस्था ‘फॉरबिडन स्टोरीज’ एवं मानवाधिकार समूह ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ द्वारा हासिल की गई और 16 समाचार संगठनों के साथ साझा की गई 50,000 से अधिक सेलफोन नंबरों की सूची से पत्रकारों ने 50 देशों में 1,000 से अधिक ऐसे व्यक्तियों की पहचान की है, जिन्हें एनएसओ के ग्राहकों ने संभावित निगरानी के लिए कथित तौर पर चुना।

वैश्विक मीडिया संघ के सदस्य ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ के अनुसार, जिन लोगों को संभावित निगरानी के लिए चुना गया, उनमें 189 पत्रकार, 600 से अधिक नेता एवं सरकारी अधिकारी, कम से कम 65 व्यावसायिक अधिकारी, 85 मानवाधिकार कार्यकर्ता और कई राष्ट्राध्यक्ष शामिल हैं। ये पत्रकार ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी), ‘रॉयटर’, ‘सीएनएन’, ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’, ‘ले मोंदे’ और ‘द फाइनेंशियल टाइम्स’ जैसे संगठनों के लिए काम करते हैं।

एनएसओ ग्रुप के स्पाइवेयर को मुख्य रूप से पश्चिम एशिया और मैक्सिको में लक्षित निगरानी के लिए इस्तेमाल किए जाने के आरोप हैं। सऊदी अरब को एनएसओ के ग्राहकों में से एक बताया जाता है। इसके अलावा सूची में फ्रांस, हंगरी, भारत, अजरबैजान, कजाकिस्तान और पाकिस्तान सहित कई देशों के फोन हैं। इस सूची में मैक्सिको के सर्वाधिक फोन नंबर हैं। इसमें मैक्सिको के 15,000 नंबर हैं।

एमनेस्टी ने बताया कि उसके फोरेंसिक जांचकर्ताओं ने पता लगाया है कि 2018 में इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के ठीक चार दिन बाद उनकी मंगेतर हातिस चंगीज के फोन में एनएसओ समूह के अपना पेगासस स्पाइवेयर सफलतापूर्वक डाला गया था। कंपनी को पहले खशोगी पर एक अन्य जासूसी मामले में आरोपी बनाया गया था।

एनएसओ ग्रुप ने ‘एपी’ द्वारा पूछे गए सवालों का ईमेल के जरिए जवाब देते हुए इस बात से इनकार किया कि उसने "संभावित, पिछले या मौजूदा लक्ष्यों की कोई सूची" बना रखी है। एनएसओ ने एक अन्य बयान में ‘फारबिडन स्टोरीज’ की रिपोर्ट को "गलत धारणाओं और अपुष्ट सिद्धांतों से पूर्ण’’ बताया।

कंपनी ने अपने दावे को दोहराया कि वह केवल अधिकृत सरकारी एजेंसियों को ‘‘आतंकवादियों और प्रमुख अपराधियों’’ के खिलाफ इस्तेमाल के लिए प्रौद्योगिकी बेचती है, लेकिन उसके आलोचकों का कहना है कि कंपनी के ये दावे झूठे हैं और उन्होंने सबूत मुहैया कराए हैं कि एनएसओ उच्च प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से जासूसी का सीधा प्रबंधन करती है। उनका कहना है कि पेगासस स्पाइवेयर का बार-बार दुरुपयोग निजी वैश्विक निगरानी उद्योग के विनियमन के पूरी तरह अभाव को उजागर करता है।

डेटा लीक होने का स्रोत और इसकी पुष्टि के तरीके का खुलासा नहीं किया गया हैं। बहरहाल, डेटा में किसी फोन नंबर की मौजूदगी का अर्थ यह नहीं है कि उसे हैक करने की कोशिश की गई है, लेकिन मीडिया संघ ने कहा कि उसका मानना है कि यह डेटा एनएसओ के सरकारी ग्राहकों के संभावित लक्ष्यों की ओर इशारा करता है। ‘द पोस्ट’ ने कहा कि उसने अपनी सूची में हैक किए गए 37 स्मार्टफोन की पहचान की है। संघ के एक अन्य सदस्य ‘द गार्डियन’ ने बताया कि एमनेस्टी को 15 पत्रकारों के मोबाइल फोन में पेगासस डाले जाने के सबूत मिले हैं। इन पत्रकारों को जब पता चला कि उनके नंबर लीक डेटा में हैं, तो उन्होंने अपने फोन जांच के लिए दिए थे।

एमनेस्टी ने अपने महासचिव एग्नेस कॉलमार्ड के हवाले से कहा, "लक्ष्य के रूप में चिह्नित पत्रकारों की संख्या स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि मीडिया को डराने के लिए पेगासस का उपयोग कैसे किया जाता है। यह लोगों की राय को नियंत्रित करने, जांच का विरोध करने और असहमति जताने वाली आवाज को दबाने के लिए इस्तेमाल होता है।’’

‘द गार्डियन’ ने ऐसे ही एक मामला का जिक्र करते हुए कहा कि मैक्सिको के पत्रकार सेसिलिओ पिनेडा बिर्तो का सेल फोन लीक डेटा की सूची में आने के कुछ सप्ताह बाद 2017 में उनकी हत्या कर दी गई थी।

एपी के मीडिया संबंधों की निदेशक लॉरेन ईस्टन ने कहा कि कंपनी "यह जानकर बहुत चिंतित है कि एपी के दो पत्रकारों समेत कई समाचार संगठनों के पत्रकार पेगासस के 1,000 संभावित लक्ष्यों की सूची में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि एपी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या स्पाइवेयर ने उसके दो कर्मियों के उपकरणों से डेटा लिया या नहीं।

मीडिया संघ के निष्कर्ष साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं, मुख्य रूप से टोरंटो विश्वविद्यालय स्थित ‘सिटीजन लैब’ द्वारा किए गए व्यापक काम पर आधारित हैं। वर्ष 2016 के बाद से शुरू हुई जांच में जांचकर्ताओं द्वारा चिह्नित किए गए एनएसओ के लक्ष्यों में अल-जजीरा के दर्जनों पत्रकार और कार्यकारी अधिकारी, ‘न्यूयॉर्क टाइम्स बेरूत’ के ब्यूरो प्रमुख बेन हबर्ड, मोरक्का के पत्रकार एवं कार्यकर्ता उमर रादी और मैक्सिको की पत्रकार कारमेन अरिस्तेगी शामिल हैं। ‘द टाइम्स’ ने बताया कि हबर्ड के अलावा उसके पूर्व मेक्सिको सिटी ब्यूरो प्रमुख आजम अहमद भी सूची में शामिल हैं।

पेगासस स्मार्ट फोन के जरिए व्यक्तिगत डेटा हासिल कर लेता है और यह पता लगा सकता है कि व्यक्ति कहां मौजूद है। यह स्मार्टफोन के माइक्रोफोन और कैमरे को गुप्त रूप से नियंत्रित करता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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