देशभर में हर साल लठमार होली फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन खेली जाती है। इस दिन खासकर मधुरा में बड़ी धूम रहती है। इस दिन महिलाएं पुरुषों को लठ यानी डंडे से पीटती हैं लेकिन वे प्यार से पिटाई करती हैं ताकि कोई चोट न लगे। डंडों से बचाव के लिए पुरुष ढ़ाल का उपयोग करते हैं। इस त्योहार के पीछे पौराणिक इतिहास छुपा है। ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण मधुरा के नंदगांव से बरसाना में राधा के साथ होली खेलने आते थे। इस दौरान एक तरफ कृष्ण के सखा होते थे तो दूसरी तरफ राधा की सखियां होती थीं। इस दौरान राधा अपनी सखियों के साथ लठ लेकर कृष्ण और उनके साथियों पर डंडे बरसाती थीं। इस दौरान त्योहार और प्यार दोनों का दृश्य काफी अद्भुत होता था।राधा आपने चहेते कृष्ण को प्यार से लठ मारकर सालभर में की गई गलतियों का बदला लेती थीं। तभी से यह त्योहार हर साल मनाया जाता है। खासकर मधुरा और वृंदावन में इस त्योहार को जोरों-शोरों से मनाया जाता है।
Holi 2020: लठमार होली क्या होती है? लठमार होली का भगवान कृष्ण से क्या है कनेक्शन?
By प्रतीक्षा कुकरेती | Published: February 24, 2020 3:28 PM
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