Gyanvapi Controversy: ज्ञानवापी के वीडियो सर्वेक्षण कराने वाले जज को मिली धमकी, लोकसभा चुनाव के कारण शासन ने की सुरक्षा में भारी कटौती, बोले- 'अंतरराष्ट्रीय नंबरों से मिल रही जान से मारने की धमकी
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 25, 2024 11:34 AM2024-04-25T11:34:40+5:302024-04-25T12:30:34+5:30
वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद में साल 2022 में मस्जिद परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे का आदेश देने वाले तत्कालीन अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने उत्तर प्रदेश पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
लखनऊ: वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद (Gyanvapi Controversy) में साल 2022 में मस्जिद परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे का आदेश देने वाले तत्कालीन अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने उत्तर प्रदेश पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उन्हें 'अंतर्राष्ट्रीय फोन नंबरों' से दुर्भावनापूर्ण कॉल और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं।
समाचार वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार न्यायाधीश दिवाकर ने इस हफ्ते एसएसपी सुशील चंद्रभान (Ghule Sushil Chandrabhan) घुले को एक पत्र लिखकर कहा कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय नंबरों से धमकी भरे कॉल आ रहे हैं, जो बेहद चिंताजनक है।
इससे पहले ज्ञानवापी फैसले के बाद न्यायाधीश दिवाकर को मिली धमकी के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनके और उनके परिवार के लिए वाई-श्रेणी की सुरक्षा देने के लिए आदेश दिया था लेकिन बाद उनकी सुरक्षा की कटौती करके एक्स-श्रेणी कर दिया गया था।
न्यायाधीश दिवाकर की वर्तमान सुरक्षा व्यवस्था में शासन द्वारा दो सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार जज दिवाकर के एक सहयोगी ने उल्लेख किया कि यह सुरक्षा अपर्याप्त है, क्योंकि दोनों कर्मियों के पास स्वचालित बंदूकों और आधुनिक हथियारों से लैस आतंकवादियों का मुकाबला करने के लिए हथियारों की भारी कमी है।
जज दिवाकर ने 2022 में कहा था, ''ज्ञानवापी का मामल सिविल केस है लेकिन उसे असाधारण केस बनाकर डर का माहौल बनाया गया है। डर इतना है कि मेरा परिवार हमेशा मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहता है और मैं उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं। मुझे घरवालों की सुरक्षा को लेकर चिंता है। जब मैं घर से बाहर होता हूं तो मेरी पत्नी द्वारा बार-बार चिंता व्यक्त की जाती है।"
मालूम हो कि पिछले साल जज दिवाकर के लखनऊ स्थित घर के पास से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक सदस्य को गिरफ्तार किया गया था। उस समय शाहजहांपुर के एसएसपी अशोक कुमार मीणा ने न्यायमूर्ति दिवाकर के भाई, जो अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के रूप में भी कार्यरत हैं। उनके घर की सुरक्षा के लिए एक गनर नियुक्त किया था।
हालांकि, लोकसभा चुनावों के कारण उनकी सुरक्षा में भारी कटौती कर दी गई थी। हाल ही में वाराणसी से बरेली में स्थानांतरित होने के बाद न्यायमूर्ति दिवाकर ने 2018 के बरेली दंगों के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ मौलवी तौकीर रज़ा को कथित मास्टरमाइंड के रूप में मुकदमा चलाने के लिए बुलाया था।