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क्या है एनपीआर और क्यों मचा है इस पर बवाल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 24, 2019 05:55 PM2019-12-24T17:55:07+5:302019-12-24T18:12:01+5:30

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी को अपडेट करने के लिए 8,500 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया है.  एनपीआर को अपडेट करने की प्रक्रिया अप्रैल 2020 में शुरू हो सकती है। एनपीआर देश के ‘सामान्य निवासियों’ की सूची है।

एनपीआर के उद्देश्य से ‘सामान्य निवासी’ को ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया जाता है जो किसी क्षेत्र में पिछले छह महीने या अधिक समय से रह रहा हो या ऐसा व्यक्ति जो उस इलाके में अगले छह महीने या उससे अधिक समय तक रहना चाहता है।

राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी के लिए 2010 में 2011 की जनगणना में घरों को सूचीबद्ध करने के चरण के साथ आंकड़े एकत्रित किये गये थे। वर्ष 2015 में घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया गया और इन आंकड़ों का नवीनीकरण किया गया। संशोधित जानकारी को डिजिटल तरीके से संग्रहित करने का काम पूरा कर लिया गया है।

महापंजीयक और जनगणना आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट के अनुसार अब 2021 की जनगणना के घरों को सूचीबद्ध करने के चरण के साथ अप्रैल 2020 से सितंबर 2020 तक एनपीआर को अपडेट करने का फैसला किया गया है। यह काम असम को छोड़कर शेष सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में किया जाएगा।

इस संबंध में इस साल अगस्त में राजपत्रित अधिसूचना जारी की गयी थी। अधिसूचना में कहा गया, ‘‘नागरिकता (नागरिक पंजीकरण और राष्ट्रीय परिचय पत्र जारी करना) नियम, 2003 के नियम 3 के उप-नियम (4) के अनुरूप केंद्र सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी को तैयार करने तथा अपडेट करने का फैसला करती है।’’ एनपीआर में भारत के हर सामान्य निवासी के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।

टॅग्स :नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर एनपीआरएनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजिका)अमित शाहमोदीNational Population Register NPRNRCAmit Shahmodi