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Yes Bank Crisis: संस्थापक राणा कपूर के घर ईडी के छापे

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 07, 2020 11:39 AM

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प्रवर्तन निदेशालय ने येस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के मुंबई स्थित घर पर छापा मारा है. आपको बता दें कि राणा कपूर और अन्य के खिलाफ मनी लॉड्रिंग के मामले की जांच चल रही है. ये छापे इसी सिलसिले में मारे गये हैं.  ईडी ने ये छापे राणा कपूर के समुद्र महल आवास पर की हैं. यह छापे कार्रवाई मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत की गई है . ईडी के इन छापों का मकसद कुछ और सबूत जुटाना है.  ईडी की टीम राणा कपूर से उनके घर पर पूछताछ भी की. ईडी एक कॉर्पोरेट कंपनी को लोन देने में राणा कपूर के रोल की जांच कर रही है. राणा कपूर पर आरोप हैं कि लोन के बदले में कपूर की पत्नी के खातों में कथित तौर पर रिश्वत की रकम भेजी गई थी. ईडी अन्य कथित अनियमितताओं की भी जांच कर रही है. ईडी के अधिकारियों ने कहा है कि राण कपूर के खिलाफ केस डीएचएफएल की जांच से भी जुड़ा  है. क्यों कि येस बैंक ने डीएचएफल को कथित तौर पर एनपीए बताया था. बैंक की हालत देखते हुए  रिजर्व बैंक ने गुरुवार को यस बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया था. बैंक के ग्राहकों को को अपने खातों से हर महीने 50,000 से ज्यादा निकालने पर रोक लगा दी थी . बाइट-ग्राहकयस बैंक 2018 के अगस्त महीने से मुश्किल हालत में हैं. तब रिजर्व बैंक ने बैंक के कामकाज और लोन से जुड़ी खामियों के कारण तत्कालीन प्रमुख राणा कपूर को 31 जनवरी, 2019 तक पद से हटने को कहा था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बैंक के ग्राहकों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि उनके पैसे सुरक्षित हैं. बाइट निर्मला सीतारमणयस बैंक 2018 के अगस्त महीने से मुश्किल हालत में हैं. तब रिजर्व बैंक ने बैंक के कामकाज और लोन से जुड़ी खामियों के कारण तत्कालीन प्रमुख राणा कपूर को 31 जनवरी, 2019 तक पद से हटने को कहा था.  येस बैंक की खस्ता हालत पर कांग्रेस नेता पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर पलटवार करते हुए कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में ‘स्व-नियुक्त सक्षम डॉक्टरों’ ने तीन बैंकों का संकट हल करने के बजाय उनकी समस्याएं और बढ़ा दी थीं. इससे पहले चिदंबरम ने येस बैंक के संकट पर कहा कि भाजपा के शासनकाल में येस बैंक का ऋण खाता पांच गुना बढ़ गया. सीतारमण ने जुलाई, 2014 में ग्लोबल ट्रस्ट बैंक के संकट और आईडीबीआई बैंक में समस्या के लिए चिदंबरम को जिम्मेदार ठहराया.  आईडीबीआई बैंक में 2006 में लगभग बंद होने जा रहे यूनाइटेड वेस्टर्न बैंक का विलय हुआ था. कांग्रेस की अगुवाई वाली संप्रग सरकार मई, 2004 में सत्ता में आई थी। चिदंबरम तब वित्त मंत्री थे. रिजर्व बैंक द्वारा येस बैंक के निदेशक मंडल को भंग किए जाने के बाद सीतारमण ने कहा कि संकट में फंसे येस बैंक द्वारा कई बड़ी कंपनियों को 2014 से काफी पहले कर्ज दिया गया था.  इनमें अनिल अंबानी समूह, एस्सेल, डीएचएफएल, आईएलएफएस, वोडाफोन उन संकटग्रस्त कंपनियों में शामिल हैं, जिन्हें येस बैंक ने कर्ज दिया था. 
टॅग्स :यस बैंकराणा कपूरप्रवर्तन निदेशालयमुंबईनिर्मला सीतारमण
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