डॉक्टर विजय दर्डा का ब्लॉग: धीरूभाई के संस्कारों का वृक्ष नीता अंबानी ने सींचा

By विजय दर्डा | Published: March 11, 2024 07:12 AM2024-03-11T07:12:17+5:302024-03-11T07:19:23+5:30

धीरूभाई अंबानी और कोकिला बेन ने अंबानी परिवार में संस्कारों के जो बीज बोए थे, वह आज फल-फूल रहा है, बल्कि लहलहा रहा है तो इसका कारण मुकेश अंबानी तो हैं ही, खासकर नीता अंबानी ने संस्कारों के वृक्ष को जतन के साथ सींचा है।

Dr. Vijay Darda's blog: Nita Ambani watered the tree of Dhirubhai's values | डॉक्टर विजय दर्डा का ब्लॉग: धीरूभाई के संस्कारों का वृक्ष नीता अंबानी ने सींचा

फाइल फोटो

Highlightsधीरूभाई और कोकिला बेन ने अंबानी परिवार में संस्कारों के जो बीज बोए थे, वह आज फल-फूल रहा हैमुकेश अंबानी के साथ मिलकर नीता अंबानी संस्कारों के इस वृक्ष को जतन के साथ सींच रही हैंन केवल अनंत बल्कि बहन ईशा और भाई आकाश भी मुकेश और नीता अंबानी की तरह विनम्र हैं

अमूमन यह देखने में आता है कि किसी ने थोड़ा धन कमा लिया, थोड़ी सी शोहरत हासिल कर ली तो वह विनम्रता खो देता है। उसकी चाल में अकड़ आ जाती है। उसे यह पता नहीं कि आंधी जब आती है तो बड़े-बड़े पेड़ों को जड़ से उखाड़कर फेंक देती है।

केवल संस्कारों का वृक्ष ही सारे थपेड़ों को झेलते हुए खड़ा रह सकता है। धीरूभाई अंबानी और मां कोकिला बेन ने अंबानी परिवार में संस्कारों के जो बीज बोए थे, वह आज फल-फूल रहा है, बल्कि लहलहा रहा है तो इसका कारण मुकेश अंबानी तो हैं ही, खासकर नीता अंबानी ने संस्कारों के वृक्ष को जतन के साथ सींचा है।

अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट के प्री-वेडिंग समारोह की पूरी दुनिया में चर्चा है। समारोह के वीडियोज देखकर हर कोई कह रहा है कि इतनी बड़ी सल्तनत के स्वामी अंबानी परिवार का छोटा बेटा कितना विनम्र है! सामान्य परिवार की एक महिला शायद दस-बीस रुपए का एक मुड़ा-तुड़ा नोट उनके हाथ में देती है। भारत के ग्रामीण इलाकों में आशीष देने का यह चलन अब भी लोगों के दिल के करीब है।

अनंत अंबानी झुक कर वो नोट स्वीकार करते हैं। महिला उनके सिर को हाथ में लेकर बलैयां लेती है...अनंत कृतज्ञ भाव से हाथ जोड़ लेते हैं। वो महिला राधिका को साड़ी भेंट करती है...राधिका उस साड़ी को कलेजे से लगा लेती हैं। यह दृश्य भावविभोर कर देने वाला है। न केवल अनंत बल्कि बहन ईशा और भाई आकाश भी इतने ही विनम्र हैं जितने विनम्र कोकिला बेन, मुकेश अंबानी और नीता अंबानी हैं।

आकाश की पत्नी श्लोका भी अत्यंत विनम्र और धार्मिक महिला हैं। अनंत से किसी ने पूछा कि पिता और चाचा की तरह क्या वे दोनों भाई भी कभी अलग हो जाएंगे? अनंत ने कहा कि भैया आकाश पिता तुल्य और बहन ईशा माता तुल्य हैं। अलग होने का सवाल ही नहीं है।

पिछले महीने का एक प्रसंग मैं आपको बताता हूं। लोकमत समूह का महाराष्ट्रीयन ऑफ द ईयर अवार्ड इस बार ऐतिहासिक गेटवे ऑफ इंडिया पर आयोजित हुआ। स्वाभाविक तौर पर वहां कोई लक्जरी कुर्सियां नहीं थीं। उस समारोह में यूथ आइकॉन अवार्ड से ईशा अंबानी को नवाजा गया। खुद मुकेश अंबानी भी समारोह में पहुंचे। मेरे कुछ साथियों को लगा कि इस तरह की सामान्य कुर्सी पर मुकेश अंबानी को बिठाना ठीक नहीं रहेगा इसलिए उन्होंने दूसरी कुर्सी लाने की बात की लेकिन मुकेश भाई ने रोक दिया। वे पूरे डेढ़ घंटे तक उसी कुर्सी पर बैठे जिस तरह की कुर्सी पर दूसरे लोग बैठे थे।

मैं धीरूभाई की विनम्रता और दूरदृष्टि के दो प्रसंग भी आपको बताना चाहता हूं। मेरे बाबूजी वरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जवाहरलाल दर्डा अस्सी के दशक में जब महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री थे तब मैंने धीरूभाई को उनसे मिलवाया था। उसके बाद हमारे रिश्ते फलते-फूलते गए।

लोकमत के दिवाली विशेषांक में विज्ञापन के लिए मैं उन्हें हर साल पत्र भेजता था। एक वर्ष मैं उन्हें पत्र लिखना भूल गया। तब लोकमत जड़ें पकड़ चुका था। धीरूभाई का मुझे फोन आया कि विजय आपका पत्र नहीं आया। मुझे पता है कि लोकमत को अब हमारी जरूरत नहीं है लेकिन हमें तो लोकमत की जरूरत है! कृपया पत्र भेजिए और हमारा विज्ञापन स्वीकार कीजिए।

मैं 1998 में चुनाव लड़ रहा था। धीरूभाई का फोन आया कि आप जल्दी मिलिए। मैं उनके कार्यालय में गया। उन्होंने मुझसे पूछा कि आपको समाजवादी पार्टी के वोट की भी तो जरूरत होगी। मैं अचंभित हो गया। मैंने कहा कि हां जरूरत पड़ेगी। मुकेश भाई और अनिल भाई भी वहीं खड़े थे। धीरूभाई ने कहा कि मुलायम सिंह को फोन लगाइए। उन्हें अगले दिन ही मुंबई बुलाया और मेरी मुलाकात कराई।

मुलायम सिंह ने अमर सिंह को तत्काल निर्देश दिया और समाजवादी पार्टी के चार वोट मुझे मिले। धीरूभाई ने पूछा कि कुछ और भी जरूरत पड़ेगी लेकिन मैंने उन्हें कहा कि किसी और चीज की जरूरत नहीं है। रिश्तों की प्रगाढ़ता उनकी दूरदृष्टि थी।

कहा जा रहा है कि प्री-वेडिंग पर अंबानी परिवार ने 1000 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। अब एक क्रूज पार्टी होने वाली है और जुलाई में मुंबई में शानदार शादी होगी। दुनिया के उद्योगपतियों और राजनेताओं ने एक से एक महंगी शादियां इससे पहले की हैं। सामान्य तौर पर देखें तो आम लोग भी अपनी हैसियत का कम से कम दस प्रतिशत तो बच्चों की शादी पर खर्च कर ही देते हैं।

अंबानी परिवार की कुल संपत्ति करीब 7.65 लाख करोड़ रुपए है। इसका एक प्रतिशत भी 7650 करोड़ रुपए होता है! अंबानी परिवार ने जामनगर के पचास हजार लोगों को खाने पर बुलाया। बहुत से लोगों को खुद खाना परोसा। रिलायंस के कर्मचारियों को  खाने पर बुलाया और उपहार के साथ धन्यवाद भी ज्ञापित किया। यह दिल छू लेने वाली बात है!

इस शादी की महत्वपूर्ण बात यह है कि यह भारत में हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ ही समय पहले धनवानों से आग्रह किया था कि वे शादी विदेशों में न करें, भारत में करें। सामान्य सी लगने वाली इस बात में बहुत गहराई है। आलीशान शादियां देश में ही होंगी तो सारा इन्फ्रास्ट्रक्चर देश में ही खड़ा होगा। लोगों को रोजगार मिलेगा। मुकेश अंबानी ने प्रधानमंत्री की बातों का सम्मान रखा।

यहां मैं एक बार फिर से अनंत की चर्चा करना चाहूंगा जिनमें मानवीयता कूट-कूट कर भरी हुई है। उन्हें मूक प्राणियों से बेहद प्यार है। जामनगर में वनतारा नाम का एशिया का सबसे बड़ा रेस्क्यू सेंटर करीब तीन हजार एकड़ में फैला हुआ है जहां न केवल घायल प्राणियों की देखरेख की जाती है बल्कि दुर्लभ प्रजाति के जीवों को भी संरक्षित किया गया है। अनंत खुद वनतारा में रमे हुए हैं। उनके साथ राधिका भी रमी हुई हैं।

वनतारा का उद्देश्य आय नहीं, सेवा है। अनंत को देश की रक्षा करने वाले जवानों और नागरिकों की रक्षा करने वाली पुलिस से बहुत लगाव है। मुंबई में पुलिकर्मियों के लिए जगह-जगह एयरकूल्ड पोस्ट बनवाए हैं, जहां वे सुविधाजनक तरीके से ड्यूटी भी कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर आराम भी कर सकते हैं। ऐसे अनंत अंबानी और उनकी होने वाली सहभागिनी राधिका को ढेर सारी शुभकामनाएं।

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