#Coronavirus #Covid 19 #lockdownकोरोना वायरस से जंग लड़ रहे देश में 14 अप्रैल तक 21 दिनों का लॉकडाउन है. क्या अब लॉकडाउन से आगे इमरजेंसी लगने वाली है. कोरोना वायरस से जंग जीतने के लिए पीएम मोदी ने 14 अप्रैल तक लॉकडाउन का एलान किया था लेकिन मार्च के खत्म होते-होते खबरें आने लगी कि ये लॉकडाउन और आगे बढ़ सकता है. लेकिन आज सरकार ने भी साफ किया कि ये खबरें निराधार है और हमारी ऐसी कोई मंशा नहीं है. लॉकडाउन के बाद पिछले पांच दिनों से हज़ारों प्रवासी मजदूर पैदल ही बड़े-बड़े शहरों से अपने घरों को लौट रहे हैं. यही नहीं ये भी खबरें आने लगी कि 15 अप्रैल के आस-पास सरकार इमरजेंसी लगा सकती है. इस इमरजेंसी में भारतीय सेना सड़कों पर उतरेगी और भूतपूर्व सैनिक, एनसीसी और एनएसएस प्रशासन की मदद करने के लिए आने वाले हैं. #IndianArmy, #Veterans, #NCC #NSSइमरजेंसी की इस चर्चा की जड़ें सोशल मीडिया से ही जुड़ी है. दरअसल कुछ दिनों पहले ट्विटर पर हेल्थ इमरजेंसी डिक्लेयर करने वाला एक हैशटैग ट्रेंड करने लगा था. 26 मार्च को बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर ने ट्वीट करते हुए इमरजेंसी लगाने की मांग कर डाली थी. ऋषि कपूर ने ट्वीट करते हुए लिखा, ''प्रिय भारतीय साथियों, हमें आपातकाल घोषित कर देना चाहिए. देखिए पूरे देश में क्या हो रहा है. अगर टीवी पर भरोसा करें तो लोग पुलिस और मेडिकल स्टाफ को पीट रहे हैं. देश में हालात पर काबू पाने के लिए और कोई रास्ता नहीं है. एक यही तरीका है जो हम सबके लिए ठीक रहेगा. डर हमारे अंदर घर रहा है. हालांकि इस डिमांड की वजह से लोग ऋषि कपूर पर जमकर बरसे थे. #lockdownindia इमरजेंसी की आशंका से हर कोई परेशान था कि पहले 21 दिनों का लॉकडाउन और अब ये इमरजेंसी वाली बात. तो हमने आपके लिए ये खोजबीन शुरू कर दी कि क्या वाकई ऐसा होने वाला है. हमने खुद भारतीय सेना के सोशल मीडिया अकाउंट पर जा कर देखा कि आखिर वहां इमरजेंसी के बारे में कोई खबर हैं क्या. दोपहर ढाई बजे सेना के एडिशनल डायरेक्टरेट जनरल ऑफ पब्लिक इन्फॉरमेशन के ट्विटर हैंडल पर इस इमरजेंसी के बारे में एक ट्वीट मिला. इस ट्वीट में इमरजेंसी की बात पर सफाई दी गयी है. इस ट्वीट में सेना ने साफ किया कि सोशल मीडिया पर फर्जी और दुर्भावनापूर्ण मैसेज फैलाया जा रहा है जिसमें अप्रैल महीने के मध्य में आपातकाल लगाने और सेना की तैनाती की बात कही जा रही है. भारतीय सेना ने साफ किया कि ये मैसेज बिल्कुल फर्जी है.हालांकि कि ये एक सवाल और मांग दोनों ही थी जिसकी सेना ने सफाई दे दी है. ये वीडियो आपको कैसा लगा हमें कमेंट कर के जरुर बताएं, लाइक कर दें , सब्सक्राइब तो करना ही है और बेल आइकन वो जरूर दबाएं, ऐसी खबरें मिस नहीं होगी.