रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने मंगलवार को घोषणा की है कि लक्ष्मी विलास बैंक को इस वर्ष के 16 दिसंबर तक केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा अधिस्थगन के तहत रखा गया है।पिछले तीन वर्षों में लक्ष्मी विलास बैंक की वित्तीय स्थिति में "लगातार गिरावट" की वजह से भारतीय रिजर्व बैंक के अनुरोध पर वित्त मंत्रालय ने यह फैसला लिया है। नरेंद्र मोदी सरकार ने वित्तीय संकट से गुजर रहे निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विलास बैंक पर एक महीने तक के लिये पाबंदियां लगा दी है।इसके तहत बैंक के खाताधारक ज्यादा से ज्यादा 25,000 रुपये तक की निकासी कर सकेंगे।दरअसल, नरेंद्र मोदी सरकार ने डीबीएस इंडिया के साथ लक्ष्मी विलास बैंक के अधिग्रहण की योजना की घोषणा की है।बैंक की खास्ता वित्तीय हालत को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सलाह के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।आरबीआई के फैसले के बाद सिंगापुर की DBS नकदी संकट से घिरे लक्ष्मी विलास बैंक (LVB) के प्रस्तावित विलय के लिए DBS Bank India में 2,500 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी।सरकार ने मंगलवार को लक्ष्मी विलास बैंक को 30 दिन के मोरेटोरियम के अंतर्गत रख दिया था। इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नकदी संकट से जूझ रहे लक्ष्मी विलास बैंक का DBS Bank India Ltd (DBIL) में विलय करने की मसौदा स्कीम की घोषणा की थी।DBS India ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि विलय का यह प्रस्ताव बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 की धारा 45 के तहत भारत सरकार और आरबीआई को प्राप्त विशेष अधिकार के तहत आया है।इस प्रस्तावित विलय से लक्ष्मी विलास बैंक के ग्राहकों, जमाकर्ताओं और कर्मचारियों को स्थिरता मिलेगी।DBS India ने कहा है कि इस विलय से DBIL को देश में और खास कर दक्षिण भारत में अपने ग्राहकों के आधार और नेटवर्क का विस्तार करने में मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि दक्षिण भारत का सिंगापुर के साथ करीबी कारोबारी संबंध है।इस मामले में भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि बैंक की ओर से विश्वसनीय पुनरोद्धार योजना नहीं पेश करने की स्थिति में जमाधारकों के हित में यह फैसला किया गया है। साथ ही बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र की स्थिरिता के हितों का भी ख्याल रखा गया है।रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के निदेशक मंडल को भी हटा दिया है और केनरा बैंक के पूर्व गैर-कार्यकारी चेयरमैन टीएन मनोहरन को 30 दिनों के लिये उसका प्रशासक नियुक्त किया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि इसके अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।लक्ष्मी विलास बैंक की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, लक्ष्मी विलास बैंक की 563 शाखाएं हैं, जिनमें सात वाणिज्यिक बैंकिंग शाखाएं और एक उपग्रह शाखा शामिल हैं। इसमें पांच एक्सटेंशन काउंटर और 974 एटीएम भी हैं। लक्ष्मी विलास बैंक का दावा है कि पूरे भारत में 16 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में उसकी मौजूदगी है।