राम जेठमलानी का जन्म पाकिस्तान के शिकारपुर में 14 सितंबर 1923 को हुआ था। उनके पिता बोलचंद गुरमुख और दादा भी वकील थे। इस वजह से उनका झुकाव भी वकालत के पेशे में हुआ। पाकिस्तान बनने के बाद वो भारत आ गए और कई दिनों तक शरणार्थी कैंप में जिंदगी बिताई। उन्होंने वकालत के पेशे को देश में एक अलग मुकाम तक पहुंचाने में बड़ा योगदान दिया। राम जेठमलानी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कानून मंत्री और आरजेडी से राज्यसभा सांसद भी रह चुके थे। Read More
महज 17 साल की उम्र में वकालत की डिग्री लेने वाले राम जेठमलानी ने 1959 में अपना पहला हाई प्रोफाइल केस लड़ा। यह केस था चर्चित के.एम. नानावती बना महाराष्ट्र सरकार। उस ज़माने में अपना करियर शुरू कर रहे राम जेठमलानी को इस केस ने राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित ...
राम जेठमलानी अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में कानून मंत्री और आरजेड़ी से राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं। 17 साल की उम्र में वकालत की डिग्री हासिल कर राम जेठमलानी ने कई चर्चित केस लड़े हैं। ...
राम जेठमलानी का नाम भारत के सबसे महंगे वकीलों में शुमार था। जेठमलानी एक सुनवाई के लिए कम से कम 25 लाख रुपये और उससे ज्यादा फीस चार्ज करते थे। अन्य मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक एक तारीख पर जाने के बदले करोड़ रुपये तक फीस लेते थे। ...
बहुचर्चित केस सोहराबुद्दीन एकाउंटर मामले में राम जेठमलानी ने अमित शाह की पैरवी की थी। इसके बाद सीबीआई कोर्ट ने अमित शाह समेत 16 लोगों को बरी कर दिया था। बरी किए गए लोगों में भारतीय जनता पार्टी के अमित शाह (तत्कालीन गृह मंत्री), पुलिस अफसर डी. जी. बंज ...
साल 2017 में जेठमलानी ने अरुण जेटली और अरविंद केजरीवाल मानहानि केस लड़ा था। जेठमलानी केजरीवाल की तरफ से एक केस लड़ रहे थे। इस केस में फीस को लेकर उनका केजरीवाल से कुछ आरोप-प्रत्यारोप भी हुआ था। ...
लोकसभा चुनाव 2014 से पहले उनके संबंध बीजेपी से फिर खराब हो गए थे। भाजपा से निष्कासित किये जाने पर जेठमलानी ने 2013 में पार्टी के विरुद्ध मुकदमा दायर किया था। उन्होंने नुकसान की भरपाई के तौर पर 50 लाख रुपये मांगे भी थे। ...
भारत के सबसे महंगे वकीलों में शुमार जेठमलानी एक केस के लिए 25 लाख रुपये तक लेते थे। राम जेठमलानी सबसे पहले 1959 के केएम नानावटी बनाम महाराष्ट्र सरकार मामले से चर्चा में आए थे। ...