हिन्दू धर्म में जब-जब कृष्णा का नाम आता है, उनसे पहले राधा जी का नाम जरूर जोड़ा जाता है। हिन्दू कथाओं के अनुसार कृष्णा और राधा एक-दूसरे से अत्यंत प्रेम करते थे, किन्तु यह प्रेम वासना रहित था। इन दोनों का प्रेम अध्यात्मिक कहलाता है, जिसे आज भी प्रेम कहानियों में मिसाल के रूप में जाना जाता है। Read More
Radha Ashtami 2019: मान्यता है कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को राधा का जन्म हुआ था। इस मौके पर विशेष आयोजन मथुरा के बरसाना, नंदगांव और रावल में देखने को मिलता है। ...
राधा जन्मोत्सव आम तौर पर कृष्ण जन्माष्टमी के 15वें दिन मनाया जाता है। इसके लिए मथुरा के पास बरसाना, नंदगाव और रावल में खूब तैयारी की जाती है। मान्यता के अनुसार रावल को राधा का मूल जन्मस्थान माना जाता है। ...
कई वर्षों के बाद राधा जब बूढ़ी और कमजोर हो गईं तो उन्होंने आखिरी बार श्रीकृष्ण से मिलने का फैसला किया। अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को पूरा कर राधा द्वारका की ओर रवाना हो गईं। ...
ब्रह्मांचल पर्वत पर तकरीबन 600 फीट की ऊॅंचाई पर स्थित राधारानी मंदिर के दर्शनों के लिए अब श्रद्धालुओं को साढे़ तीन सौ सीढ़ियां चढ़कर नहीं जाना पड़ेगा। ब्रज तीर्थ विकास परिषद उनकी सुविधा के लिए रोप-वे बनाने जा रहा है। रोप-वे बनने से, 187 मीटर की ऊॅंचाई प ...