फुलैरा दूज 2018: हर हिन्दू के लिए खास है यह दिन, पौराणिक कथा से जानें क्यों मनाएं
By गुलनीत कौर | Published: February 16, 2018 12:55 PM2018-02-16T12:55:53+5:302018-02-16T13:00:44+5:30
द्वापर युग में फुलैरा दूज के दिन ही कुछ ऐसा हुआ था जिसे आधार मानकर आज भी यह पर्व भारत में मनाया जाता है।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीय तिथि को 'फुलैरा दूज' मनाई जाती है। शास्त्रिया मान्यताओं के अनुसार यह साल भर के अत्यंत शुभ दिनों में से एक दिन होता है। यही कारण है कि इसदिन सबसे अधिक विवाह होते हैं। इस बार फुलैरा दूज 17 फरवरी 2018 को मनाई जाएगी। ज्योतिष परिणामों के अनुसार यह पर्व 17 फरवरी को दिन में 3:56 से शुरू होकर अगले दिन 18 फरवरी शाम 4:50 तक चलेगा। लेकिन आखिर फुलैरा दूज क्यों मनाई जाती है। इसे मनाने का महत्व क्या है और इसदिन किस भगवान की पूजा की जाती है आइए आपको बताते हैं।
क्या है फुलैरा दूज?
प्रति वर्ष बसंत पंचमी के बाद फाल्गुन महीने में पड़ने वाले दूसरे महत्वपूर्ण पर्व को फुलैरा दूज के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मथुरा-वृन्दावन में सभी कृष्ण मंदिरों में रौनक देखने को मिलती है। चूकी यह त्यौहार राधा-कृष्ण से जुड़ा है, इसलिए इस दिन सभी प्राचीन कृष्ण मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिलती है।
एक पौराणिक कथा के अनुसार फुलैरा दूज वही दिन है जब राधा-कृष्ण का मिलन हुआ था। कहा जाता है कि द्वापर युग में यह वह दिन था जब दोनों का प्रेम अपनी चरम सीमा पर था। इस प्रेम को सभी गोपियों ने राधा-कृष्णा पर फूलों की वर्षा करके स्वीकार किया था। तभी से आज भी इसदिन कृष्ण मंदिरों को फूलों से सजाया जाता है और फूलों की होली भी खेली जाती है।
फुलैरा दूज का महत्व
धार्मिक मान्यतानुसार प्रेमी जोड़े या कृष्ण भक्त, जो भगवान कृष्ण और देवी राधा की असीम कृपा पाना चाहते हैं, उन्हें यह दिन अवश्य मनाना चाहिए। इस दिन राधा-कृष्णा का विधिवत पूजन करने से विभिन्न लाभ पाए जा सकते हैं। चाहें तो व्रत भी कर सकते हैं, जिसमें अमूमन उन्हीं नियमों का पालन किया जाता है जो भगवान कृष्ण के व्रत में किया जाता है।
क्या करें फुलैरा दूज के दिन?
- फुलैरा दूज की सुबह या शाम किसी भी एक वक्त राधा-कृष्ण की विधिवत पूजा करें
- इनकी मूर्तियों को फूलों से सजाएं और संभव हो तो अपने घर में भी फूल मालाओं से सजावट करें
- घर में भगवान को भोग लगाने के लिए खुद ही मिष्ठान बनाएं। भोग के बाद सभी परिवार वालों को यह प्रसाद अवश्य खिलाएं
- इसदिन किसी भी कृष्ण मंत्र का कम से कम एक माला यानी 108 बार जाप करें. ऐसा करने से आप भगवान की कृपा पा सकते हैं
- यदि किसी नए कार्य की शुरुआत करना चाहते हैं और उसमें सफलता भी पाने की कामना रखते हैं, तो इस कार्य को फुलैरा दूज के शुभ दिन पर करें
फोटो: विकिमीडिया कॉमन्स