31 जुलाई 1880 को काशी में जन्मे प्रेमचंद को हिन्दी का सबसे बड़ा कथाकार माना जाता है। गोदान, गबन, प्रेमसदन और निर्मला उनके प्रमुख उपन्यास हैं। प्रेमचंद ने करीब 300 कहानियाँ लिखीं जिनमें से दर्जनों कहानियाँ विश्व कथा साहित्य की श्रेष्ठ रचनाओं में शुमार की जाती हैं। प्रेमचंद का आठ अक्टूबर 1936 को निधन हो गया। Read More
31 जुलाई के दिन का देश के स्वतंत्रता संग्राम में खास महत्व है। दरअसल दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद महात्मा गांधी ने गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती नदी के किनारे अपना आश्रम बनाया और यहां जीवन के कुछ नये प्रयोग किए जैसे खेती, पशु पालन और खादी। ...
प्रेमचंद के नॉवेल गोदान, गबन, निर्मला और सेवा सदन इत्यादि हिन्दी में आधुनिक उपन्यास के शाहकार माने जाते हैं। कथा क्षेत्र में भी प्रेमचंद की दर्जनों कहानियाँ भारतीय साहित्य की क्लासिक कहानियों में शुमार की जाती हैं। ...
Munshi Premchand 125th Jayanti 2019: प्रेमचंद आजादी से पहले शिक्षा विभाग में डिप्टी इंस्पेक्टर थे। 1921 में उन्होंने ब्रिटिश सरकार की नौकरी छोड़ दी और लेखन और प्रकाशन को अपना पूर्णकालिक पेशा बना लिया। ...
थानवी ने सोमवार को यहां कहा कि अच्छे साहित्य से अच्छी भाषा आती है। उन्होंने कहा कि लोक कथाएं जितनी बड़ों के लिए महत्वपूर्ण हैं उतनी ही बच्चों के लिए उपयोगी हैं। इनमें साम्प्रदायिक और धार्मिक नहीं बल्कि उदात्त चरित्र का कलेवर होता है। बच्चों को बजाय वी ...
लोकमत समाचार के दीपावली विशेषांक दीप भव 2018 में आप राजनीति, कला, समाज, साहित्य और सिनेमा इत्यादि से जुड़ी रचनाएँ पढ़ सकते हैं। लोकमत समाचार दीप भव 2018 के अतिथि संपादक अभिनेता, गायक, गीतकार और रंगकर्मी पीयूष मिश्रा हैं। ...
#MeToo मूवमेंट के तहत कई पत्रकारों पर उनके सहकर्मियों और पूर्व सहकर्मियों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री और वरिष्ठ पत्रकार एमजे अकबर पर अब तक नौ महिलाएं यौन शोषण का आरोप लगा चुकी हैं। लेकिन संपादक नये नहीं हैं। प्रेमचंद ज ...