नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को 29 जुलाई, 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। इसमें स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किये गए हैं। साथ ही शिक्षा क्षेत्र में खर्च को सकल घरेलू उत्पाद का 6 प्रतिशत करने और उच्च शिक्षा में साल 2035 तक सकल नामांकन दर 50 फीसदी पहुंचने का लक्ष्य है। इससे पहले शिक्षा नीति 1986 में तैयार किया गया था और इसमें 1992 संशोधन किया गया। Read More
सीआईई पाठ्यक्रम को पारंपरिक डिज़ाइन किया गया है, जो छात्रों को विश्लेषणात्मक कौशल और समस्या-समाधान क्षमताओं को बढ़ावा देते हुए विविध प्रकार के विषयों से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। ...
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती पर मनाया जाता है। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे। ...
राइट टू एज्यूकेशन एक्ट और राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बात करते हुए शिक्षाविद डॉ. केशरी लाल वर्मा ने कहा कि युवाओं की प्रतिभा के सर्वोत्तम उपयोग के लिए नियमित नौकरियों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय कौशल आधारित व्यवसायों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। ...
29 और 30 जुलाई को आयोजित होने वाला दो दिवसीय कार्यक्रम शिक्षाविदों, क्षेत्र के विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, उद्योग प्रतिनिधियों, शिक्षकों और स्कूलों, उच्च शिक्षा और कौशल संस्थानों आदि के छात्रों के लिए एक मंच प्रदान करेगा। ...
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार, राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा में 4 क्षेत्र शामिल होंगे - स्कूली शिक्षा, प्रारंभिक बचपन और शिक्षा, टीचर एजुकेशन और वयस्क शिक्षा। इसका उद्देश्य बच्चों के सर्वांगीण विकास की दिशा में काम करना है। ...
राष्ट्रीय मूल्यांकन और मान्यता परिषद के तहत गठित एक विशेषज्ञ समिति ने छात्रों में तार्किक चिन्तन को बढ़ावा देने के लिए कम से कम 10 फीसदी अंक उनके द्वारा हासिल उच्च स्तर के अनुभवजनित ज्ञान को परखकर दिए जाने का प्रस्ताव रखा गया है। ...