भारतीय संविधान में भीड़ के द्वारा की गई हिंसा के लिए कोई कानून नहीं बनाया गया था। इसका फायदा उठाकर भारत में कई वारदातों को भीड़ ने अंजाम दिया। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मुताबिक भारत की सबसे बड़ी मॉब लिंचिंग साल 1984 में हुई थी। जबकि कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियों के मुताबिक नरेंद्र मोदी सरकार में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ गई हैं। हालांकि मॉब लिंचिंग का इंतिहास पुराना है। साल 1947 में जब हिन्दुस्तान को आजादी मिली और देश के दो टुकड़े हुए, भारत और पाकिस्तान, तब भी भीड़ ने कइयों को मौत के घाट उतार दिया था। तब उसे दंगे का नाम दिया गया था। लेकिन कई जगहों पर भारी मॉब लिंचिंग हुई थी। Read More
कैंट पुलिस थाने के प्रभारी जे जे चौधरी ने रविवार को बताया कि पुलिस को शनिवार शाम को सूचना मिली थी कि कुछ लोगों ने सागर रेलवे स्टेशन के पास भगवानगंज में एक महिला को बच्चा चुराने वाली समझ कर पकड़ लिया है व उसके साथ मारपीट भी कर रहे हैं। ...
हाल ही में अनुराग को जान से मारने की धमकी भी मिल चुकी हैं। अपने ट्विटर पर उन्होंने शेयर किया था कि उन्होंने पीएम मोदी को खत लिखा है। जिसके बाद एक ट्विटर यूजर ने अनुराग को जान से मारने की धमकी दी है। ...
लाठियां लेकर घात लगाए बैठे ग्रामीणों ने कार रोककर दो कांग्रेस नेताओं सहित एक सामाजिक कार्यकर्ता को बच्चा चोर समझकर उनकी बेरहमी से पिटाई कर दी, उनकी कार भी क्षतिग्रस्त कर दी. पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया ह ...
बिहार में भीड़ के कानून हाथ में लेकर खुद 'तालिबानी न्याय' करने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है. ऐसी कई घटनाओं ने कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए हैं. इसी कड़ी में शु्क्रवार को पटना जिले के बिहटा थाना ईलाके के सदिसोपुर स्टेशन पर अचानक भीड़ अपना आ ...
कानून को हाथ में लेने वाली भीड़ को यह मालूम था इस (कु)कृत्य की कोई सजा नहीं होती अगर नेताजी साथ हैं या ऐसा कह कर सिस्टम को (जिसमें कानून प्रक्रिया भी है) डराया जा सकता है अर्थात ऐसा भरोसा कि कानून व्यवस्था को एक नेता पंगु बना सकता है. ...
बिहारः पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अमर सिंह का एक ऑटोरिक्शा चालक से झगड़ा हो गया, जिसमें यादव ने दखल दिया। दखल देने पर सिंह ने यादव पर गोली चला दी, जिससे उनका पैर गंभीर रूप से जख्मी हो गया। यादव पेशे से शिक्षक हैं। ...