बिहार में थमने का नाम नहीं ले रही है मॉब लिंचिंग की घटनाएं, उन्‍मादी भीड़ के हिंसा के शिकार हुए कई लोग

By एस पी सिन्हा | Published: July 26, 2019 07:27 PM2019-07-26T19:27:42+5:302019-07-26T20:46:37+5:30

बिहार में भीड़ के कानून हाथ में लेकर खुद 'तालिबानी न्‍याय' करने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है. ऐसी कई घटनाओं ने कानून-व्‍यवस्‍था को लेकर सवाल खड़े किए हैं. इसी कड़ी में शु्क्रवार को पटना जिले के बिहटा थाना ईलाके के सदिसोपुर स्टेशन पर अचानक भीड़ अपना आपा खो बैठी और एक अधेड़ की जमकर धुनाई करने लगी.

mob lynching incident increased, many people death due to beaten in bihar | बिहार में थमने का नाम नहीं ले रही है मॉब लिंचिंग की घटनाएं, उन्‍मादी भीड़ के हिंसा के शिकार हुए कई लोग

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Highlightsबिहार में मॉब लिंचिंग की घटनायें थमने का नाम हीं नही ले रही हैं. बिहार में बीते एक सप्‍ताह के दौरान हुई भीड़ की उन्‍मादी हिंसा के शिकार कई लोग हुए हैं.इसमें मवेशी चोरी के आरोप में तीन कथित चोरों की पीट-पीटकर हत्‍या कर दी गई तो चोरी के आरोप में एक महिला को निर्वस्‍त्र कर पीटा गया. चोरी के आरोप में एक युवक की न केवल पिटाई की गई, बल्कि उसके गुप्तांग पर पेट्रोल डालकर भी यातना दी गई.

बिहार में मॉब लिंचिंग की घटनायें थमने का नाम हीं नही ले रही हैं. बिहार में बीते एक सप्‍ताह के दौरान हुई भीड़ की उन्‍मादी हिंसा के शिकार कई लोग हुए हैं. इसमें मवेशी चोरी के आरोप में तीन कथित चोरों की पीट-पीटकर हत्‍या कर दी गई तो चोरी के आरोप में एक महिला को निर्वस्‍त्र कर पीटा गया. 

चोरी के आरोप में एक युवक की न केवल पिटाई की गई, बल्कि उसके गुप्तांग पर पेट्रोल डालकर भी यातना दी गई. युवती की हत्या कर भाग रहे युवक को पकड़कर उसकी भी हत्‍या कर दी गईे. एक महिला को डायन बताकर लाठी-डंडे से पीटकर मौत दे दी गई.

बिहार में भीड़ के कानून हाथ में लेकर खुद 'तालिबानी न्‍याय' करने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है. ऐसी कई घटनाओं ने कानून-व्‍यवस्‍था को लेकर सवाल खड़े किए हैं. इसी कड़ी में शु्क्रवार को पटना जिले के बिहटा थाना ईलाके के सदिसोपुर स्टेशन पर अचानक भीड़ अपना आपा खो बैठी और एक अधेड़ की जमकर धुनाई करने लगी. मामला बिगड़ते देख लोगों ने पुलिस को सूचना दी. 

आनन-फानन में पहुंची पुलिस ने पीड़ित व्यक्ति को भीड़ की गिरफ्त से छुड़ाया. लोगों की पिटाई से गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटनास्थल पर लोगों ने बताया कि एक बच्चे को लेकर अधेड़ व्यक्ति भागने की कोशिश कर रहा था. बच्चे के साथ जबरदस्ती करते देख महिला ने शोर मचाया. इसके बाद वहां मौजूद लोगों ने उसे पकड़ लिया. 

देखते ही देखते भीड़ में शामिल लोगों ने उसकी जमकर धुनाई कर दी. अस्पताल में पूछताछ के दौरान उसने बताया कि उसका नाम अवधेश सिंह है. वह मुजफ्फरपुर का रहने वाला है. हालांकि, वह इधर कैसे आया और बच्चा क्यों उठा रहा था? इस बारे कुछ भी बताने के बजाय बेतुकी बातें करने लग रहा था. इस कारण कुछ लोग उसके अर्धविक्षिप्त होने की भी आशंका जता रहे थे. वहीं, थानाध्यक्ष का कहना है कि उसका इलाज होने के बाद स्थिति स्पष्ट हो पायेगी.

वहीं, दूसरी घटना में सासाराम से भीड़तंत्र के क्रूर चेहरे को उजागर करने वाली एक और खबर सामने आई है. यहां दो महिलाओं की भीड़ ने सरे बाजार जमकर पिटाई की. दोनों महिलाएं पिटाई से बुरी तरह घायल हो गईं. दोनों को इलाज के लिए दावथ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. घायल महिलाएं पटना की रहने वाली हैं. 

महिलाओं ने बताया कि वे लोग पटना से सासाराम के गुप्ता धाम जाने के लिए जब मलियाबाग पहुंचीं तो भीड़ ने उन्हें पकड़ लिया और बच्चा चोरी का आरोप लगाकर पिटाई करने लगे. इतना ही नहीं कुछ लोग इन पिट रही महिलाओं का वीडियो भी बनाते रहे. लेकिन किसी ने दोनों को बचाने की कोशिश नहीं की. 

हालांकि भीड़ के पास कोई वाजिब कारण भी नहीं था. लोगों ने अकारण कानून हाथ में लिया तथा 2 महिलाओं के सरेआम पिटाई होती रही और लोग तमाशबीन बने रहे. सबसे बड़ी बात है कि बीच सडक राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर यह वारदात होती रही. लेकिन, जब तक पुलिस नहीं आई, लोग दोनों महिलाओं की पिटाई करते रहे. दावथ थाना की पुलिस ने दोनों को किसी तरह बचा कर इलाज के लिए अस्पताल लाए.

जबकि तीसरी घटना में कटिहार जिले में साइकिल चोरी के आरोप में नाबालिग को बिजली के खंभे से बांधकर उसकी पिटाई कर दी गई. गांव के मुखिया ने बाद में उसे पंचायत भवन के कमरे में बंद कर दिया. यहां भी कानून की धज्जियां उड़ती रही. देर रात तक चोरी के आरोपी पर पंचायत होती रही. पूरा मामला जिला के मनसाही प्रखंड के चितौरिया पंचायत भवन का है. 

चितौरिया पंचायत में बीती रात तमाशबीनों की भीड़ जुटी रही. कोई नाबालिग से पूछताछ में जुटा रहा तो कोई पंचायत के मुखिया पर सवाल उठाता रहा. मारपीट से सहमे नाबालिग के मुताबिक, अपने एक मित्र के साथ वह साइकिल की चोरी के आरोप में पकड़ा गया है. पहले तो उसे बिजली के खंभे से बांधकर पीटा गया बाद में, गांव के मुखिया दीप नारायण पासवान उसे पंचायत भवन में बंद कर पंचायत करने में जुट गए. शाम से हो रही इस वारदात की भनक देर रात तक भी स्थानीय मनसाही पुलिस को नहीं लगी. 

इस बीच पंचायत में मुखिया के आंखों के सामने तालिबानी फैसला सुनाया जाता रहा. पंचायत भवन में बंद नाबालिग आरोपी इंसाफ के लिए टकटकी लगाए रहा. लेकिन मुखिया दीप नारायण पासवान ने खुद को ही सरकार बताते हुए न्याय करने का फैसला ले लिया. देर से पुलिस को सूचना दी गई. देर रात पहुंची पुलिस नाबालिग को छुड़ाकर अपने साथ थाने ले गई.

वहीं, पंचायत के मुखिया दीपनारायण यादव का कहना है, 'वार्ड सदस्य रूदल का फोन आया कि एक साइकिल चोर पकड़ा गया है. मैंने उसे कहा कि मारपीट नहीं करना. उसे लेकर पंचायत भवन आने के लिए कहा. आते समय उसके पीछे लोगों की भीड़ थी. 

हो सकता था भीड़ उसे मार देती, फिर जिम्मेदार मुझे ठहराया जाता. दो घंटे के बाद प्रशासन आया. ऐसे में सवाल यह उठने लगा है कि क्‍यों बढ़ रहीं हैं ऐसी घटनाएं और आखिर क्‍या है निदान? इस बीच, मॉब लिंचिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर आज सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार समेत राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है.

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