लद्दाख एक ऊंचा पठार है जिसका अधिकतर हिस्सा 3,500 मीटर (9,800 फीट) से ऊंचा है। यह हिमालय और कराकोरम पर्वत श्रृंखला और सिन्धु नदी की ऊपरी घाटी में फैला है। करीब 33,554 वर्गमील में फैले लद्दाख में बसने लायक जगह बेहद कम है। यहां हर ओर ऊंचे-ऊंचे विशालकाय पथरीले पहाड़ और मैदान हैं। यहां के सभी धर्मों के लोगों की जनसंख्या मिलाकर 2,36,539 है। लद्दाख के पूर्वी हिस्से में लेह के आसपास रहने वाले निवासी मुख्यतः तिब्बती, बौद्ध और भारतीय हिन्दू हैं, लेकिन पश्चिम में करगिल के आसपास जनसंख्या मुख्यतः भारतीय शिया मुस्लिमों की है। तिब्बत पर कब्जे के दौरान बहुत से तिब्बती यहां आकर बस गए थे। लद्दाख को चीन, तिब्बत का हिस्सा मानता है। सिन्धु नदी लद्दाख से निकलकर ही पाकिस्तान के कराची तक बहती है। प्राचीनकाल में लद्दाख कई अहम व्यापारिक रास्तों का प्रमुख केंद्र था। Read More
कमांडरों के बीच चौथे चरण की वार्ता वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय सीमा के अंदर चुशुल में एक निर्धारित बैठक स्थल पर मंगलवार पूर्वाह्न करीब 11 बजे शुरू हुई और बुधवार तड़के दो बजे तक चली। ...
लद्दाख में चीन सेना के साथ लगातार बातचीत कर मामले को सुलझाने की कोशिश जारी है। भारत कुछ हद तक कामयाब भी हुआ है लेकिन चीनी सेना का कई जगहों के लिए जिद्दी रवैया जारी है। ...
पिछले दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले इलाकों से चीन के सैनिकों के वापस जाने के मद्देनजर सेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ स्थिति की समग्र समीक्षा की थी। ...
सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्ष अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में पूरी तरह से शांति स्थापित करने के लिए एक खाके को भी अंतिम रूप दे सकते हैं जहां दोनों देशों के सैनिकों के बीच आठ हफ्ते तक गतिरोध चला। संघर्ष के स्थानों से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया के ...
सरकारी सूत्रों ने सोमवार को बताया कि पूर्वी लद्दाख में तनाव को कम करने के लिए भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तरीय चौथे दौर की वार्ता मंगलवार को होगी। ...
भारत की मांग के अनुसार चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पिछले एक सप्ताह में पहले ही गोग्रा, हॉट स्प्रिंग्स और गलवान घाटी से अपने सैनिकों को वापस बुला चुकी है और साथ ही पैंगोंग त्सो क्षेत्र के फिंगर फोर से अपनी उपस्थिति काफी कम कर चुकी है। ...