भारत-चीन के बीच मंगलवार को होगा लेफ्टिनेंट जनरल स्तरीय वार्ता का अगला दौर, सरकारी सूत्रों ने दी जानकारी
By भाषा | Published: July 13, 2020 08:27 PM2020-07-13T20:27:20+5:302020-07-13T20:27:20+5:30
सरकारी सूत्रों ने सोमवार को बताया कि पूर्वी लद्दाख में तनाव को कम करने के लिए भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तरीय चौथे दौर की वार्ता मंगलवार को होगी।
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में तनाव घटाने और सैनिकों के पीछे हटने के लिए तौर-तरीका तय करने के वास्ते भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तरीय चौथे दौर की वार्ता मंगलवार को होगी। सरकारी सूत्रों ने सोमवार को इस बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के भारतीय हिस्से में चुशुल में यह बैठक होगी। दोनों पक्षों द्वारा ऊंचाई वाले क्षेत्र में अमन-चैन बहाल करने के खाके को भी अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है।
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) गोग्रा, हॉट स्प्रिंग्स और गलवान घाटी से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर चुकी है और पिछले एक सप्ताह में उसने पैंगोग सो इलाके में फिंगर फोर के पास सैनिकों की संख्या घटायी है। भारत जोर दे रहा है कि चीन फिंगर फोर और फिंगर एट के बीच के इलाकों से सुरक्षा बलों को हटाए।
एनएसए-चीनी विदेश मंत्री की बात के बाद पीछे हटे सैनिक
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच करीब दो घंटे की टेलीफोन वार्ता के बाद सैनिकों के पीछे हटने की औपचारिक प्रक्रिया पिछले सोमवार को शुरू हुई थी। शुक्रवार को भारत और चीन के बीच राजनयिक स्तर की वार्ता हुई। इस दौरान दोनों पक्षों ने अमन-चैन बहाल करने के लिए पूर्वी लद्दाख में समयबद्ध तरीके से 'सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने' की प्रक्रिया पर आगे बढ़ने का फैसला किया।
भारत-चीन के बीच 30 जून को हुई थी अंतिम बैठक
बैठक में फैसला किया गया कि दोनों सेनाओं के वरिष्ठ कमांडर पूरी तरह पीछे हटने और तनाव घटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए 'जल्द' चर्चा करेंगे। दोनों देशों के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर पर तीन दौर की वार्ता हो चुकी है और अंतिम बैठक 30 जून को हुई थी। इस बैठक में दोनों पक्ष गतिरोध दूर करने के लिए प्राथमिकता के साथ जल्द, चरणबद्ध और क्रमिक तरीके से तनाव घटाने पर सहमत हुए थे। लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पहली वार्ता छह जून को हुई थी।
लद्दाख में 20 भारतीय जवान हो गए थे शहीद
इस दौरान दोनों पक्ष गलवान घाटी से शुरुआत करते हुए टकराव के सभी स्थानों से धीरे-धीरे पीछे हटने पर राजी हुए थे। दूसरे दौरे की वार्ता 22 जून को हुई थी। भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पांच मई से ही पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर तनाव गहरा गया। इसके बाद गलवान घाटी में भारत के 20 सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद यह तनाव और बढ़ गया। चीनी सेना को भी नुकसान हुआ लेकिन उसने इस बारे में कुछ नहीं बताया है। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के 35 सैनिक हताहत हुए।