चीनी सैनिकों से झड़प के बाद पहली बार लद्दाख और जम्मू-कश्मीर जाएंगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सेना प्रमुख भी रहेंगे मौजूद
By रामदीप मिश्रा | Published: July 15, 2020 02:32 PM2020-07-15T14:32:53+5:302020-07-15T14:37:00+5:30
पिछले दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले इलाकों से चीन के सैनिकों के वापस जाने के मद्देनजर सेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ स्थिति की समग्र समीक्षा की थी।
नई दिल्लीः पूर्वी लद्दाख में भारतीय एवं चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद पहली बार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंहलद्दाख का दौरा करेंगे। उनके साथ सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी मौजूद रहेंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक लेह पहुंचे थे और उन्होंने थलसेना, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों से बातचीत की।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 17-18 जुलाई को लद्दाख और जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे। उनके साथ सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी होंगे। रक्षा मंत्री 17 जुलाई को लद्दाख और 18 जुलाई को श्रीनगर का दौरा करने वाले हैं।
वहीं, बीते दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले इलाकों से चीन के सैनिकों के वापस जाने के मद्देनजर सेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ स्थिति की समग्र समीक्षा की थी। रक्षा मंत्री ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया तथा अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक में स्थिति की समग्र समीक्षा की थी।
Defence Minister Rajnath Singh and Army Chief General Manoj Mukund Naravane will visit Ladakh on 17th July and Srinagar on 18th July. https://t.co/6nYa6l9ket
— ANI (@ANI) July 15, 2020
रक्षा मंत्री ने सभी संवेदनशील इलाकों की स्थिति की ली थी जानकारी
जनरल नरवणे ने गलवान घाटी, गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और पैगोंग सो के फिंगर 4 क्षेत्र से सैनिकों को हटाने के लिए बनी आपसी सहमति के पहले चरण के क्रियान्वयन पर विस्तृत ब्योरा दिया था। सेना प्रमुख ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए क्षेत्र में भारतीय सेना की अभियानगत तैयारियों के बारे में रक्षा मंत्री को जानकारी दी और साथ ही पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हालात के अलावा अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम के सभी संवेदनशील इलाकों में मौजूदा स्थिति के बारे में भी उन्हें अवगत कराया था।
वहीं, तीन जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक लेह पहुंचे थे। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को सीमा की स्थिति से अवगत कराया था।