59 चाइनीज ऐप्स के बैन के मुद्दे को चीन ने बैठक में उठाया, भारत ने दिया करारा जवाब
By सुमित राय | Published: July 13, 2020 08:58 PM2020-07-13T20:58:28+5:302020-07-13T20:58:28+5:30
भारत के साथ बैठक में चीन ने 59 चाइनीज ऐप्स बैन के मुद्दे को उठाया था, जिस पर भारत सरकार ने करारा जबाव दिया है।
भारत सरकार द्वारा 59 चाइनीज ऐप्स पर बैन लगाने के फैसले से चीन बौखला गया है और दोनों देशों की बैठक में चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाए जाने का मुद्दा उठाया था। इसके बाद भारत सरकार ने करारा जवाब दिया है और कहा है कि यह एक्शन देश की आंतरिक सुरक्षा के मद्देनजर लिया गया है।
सूत्रों ने बताया है कि भारत और चीन के बीच हुई बैठक में चीनी पक्ष ने 59 चाइनीज ऐप्स के बैन का मुद्दा उठाया था। जिसके जवाब में भारत ने कहा है कि यह कार्रवाई सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए की गई है और भारत नहीं चाहता कि उसके देश के नागरिकों से जुड़े डेटा से छेड़छाड़ की जाए।
भारत सरकार ने क्यों लगाया 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध
सरकार ने कहा कि ये ऐप देश की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं। ये प्रतिबंध लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों के साथ मौजूदा तनावपूर्ण स्थितियों के बीच लगाए गए हैं। आईटी मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि उसे विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप के दुरुपयोग के बारे में कई रिपोर्ट शामिल हैं। इन रिपोर्ट में कहा गया है कि ये ऐप ‘‘उपयोगकर्ताओं के डेटा को चुराकर, उन्हें गुपचुक तरीके से भारत के बाहर स्थित सर्वर को भेजते हैं।
इन ऐप पर भारत सरकार ने लगाया है बैन
चीन से संबंध रखने वाले 59 मोबाइल ऐप जो भारत में बैन किए गए हैं उस लिस्ट में टिक टॉक और यूसी ब्राउजर के अलावा वीचैट, बीगो लाइव, हैलो, लाइकी, कैम स्कैनर, वीगो वीडियो, एमआई वीडियो कॉल - शाओमी, एमआई कम्युनिटी, क्लैश ऑफ किंग्स के साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफार्म क्लब फैक्टरी, क्लैश ऑफ किंग्स और शीइन जैसे बड़े ऐप शामिल हैं।
बैन लगने के बाद टिक टॉक ने दी सफाई
भारत सरकार द्वारा बैन किए जाने के बाद टिक टॉक ने मंगलवार को सफाई दी थी और कहा था कि वह भारत सरकार के आदेश के मुताबिक ऐप को बंद करने की प्रक्रिया में है। कंपनी ने जोर देते हुए कहा कि उसने ऐप का इस्तेमाल करने वाले किसी भी भारतीय की जानकारी चीन अथवा किसी अन्य देश के साथ साझा नहीं की है। छोटे वीडियो साझा करने वाली इस कंपनी ने कहा कि उसे अपनी प्रतिक्रिया और स्पष्टीकरण देने के लिए संबंधित सरकारी पक्षों से मिलने के लिए आमंत्रित किया गया है। बता दें भारत में टिक टॉक के 20 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं।