लद्दाख एक ऊंचा पठार है जिसका अधिकतर हिस्सा 3,500 मीटर (9,800 फीट) से ऊंचा है। यह हिमालय और कराकोरम पर्वत श्रृंखला और सिन्धु नदी की ऊपरी घाटी में फैला है। करीब 33,554 वर्गमील में फैले लद्दाख में बसने लायक जगह बेहद कम है। यहां हर ओर ऊंचे-ऊंचे विशालकाय पथरीले पहाड़ और मैदान हैं। यहां के सभी धर्मों के लोगों की जनसंख्या मिलाकर 2,36,539 है। लद्दाख के पूर्वी हिस्से में लेह के आसपास रहने वाले निवासी मुख्यतः तिब्बती, बौद्ध और भारतीय हिन्दू हैं, लेकिन पश्चिम में करगिल के आसपास जनसंख्या मुख्यतः भारतीय शिया मुस्लिमों की है। तिब्बत पर कब्जे के दौरान बहुत से तिब्बती यहां आकर बस गए थे। लद्दाख को चीन, तिब्बत का हिस्सा मानता है। सिन्धु नदी लद्दाख से निकलकर ही पाकिस्तान के कराची तक बहती है। प्राचीनकाल में लद्दाख कई अहम व्यापारिक रास्तों का प्रमुख केंद्र था। Read More
भारतीय वायुसेना ने कहा है कि वह आदेश मिलने पर मात्र आधे घंटे में ही चीन सीमा पर टैंकों और तोपखानों को पहंचा देगी। दूसरी ओर इतना जरूर था कि चीनी सैनिकों के हाथों शहादत पाने वाले अपने साथियों की मौत पर लद्दाख में तैनात जवान गम और गुस्से में हैं। ...
पीएम नरेंद्र मोदी ने लद्दाख में भारत-चीन सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प पर कहा कि हमने कोशिश की कि मतभेद विवादों के आड़े ना आएं। चीन से लगी सीमा पर हमारे सैनिकों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देंगे। ...
सोनिया गांधी ने शहीदों की शहादत को नमन करते हुए प्रधानमंत्री को इस संकट की घड़ी में कांग्रेस के पूर्ण सहयोग और साथ का विश्वास दिलाया। साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी से देश को भरोसा दिलाने का आग्रह किया। भारी आक्रोश है तो प्रधानमंत्री को सामने आकर देश को स ...
निहत्थे और लाल सेना के कुत्सित इरादों से अनजान 20 से अधिक भारतीय जवान अभी तक शहादत पा चुके हैं जबकि अभी भी 150 से अधिक घायलों में से 30 के करीब जिन्दगी और मौत के बीच की जद्दोजहद से जूझ रहे हैं। ...
15 जून की रात को हुए खूनी संघर्ष में 20 जवान शहादत पा चुके हैं और करीब 150 से अधिक अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से 30 गंभीर रूप से घायल हैं और जिंदगी-मौत की जद्दोजहद कर रहे हैं। जवानों के घायल शरीर चीनी सेना के धोखे और बर्बरता की दास्तां बयान कर रहे ...