महाकुंभ या कुंभ मेला हर 12 वर्षों में चार स्थानों - प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, नासिक पर आयोजित किया जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार देवताओं और राक्षसों का युद्ध 12 दिनों तक चला था। स्वर्ग का एक दिन पृथ्वी के एक वर्ष के समान होता है। इसलिए महाकुंभ 12 वर्षों में चार बार किया जाता है।आदि शंकराचार्य द्वारा पहली इस महा उत्सव की शुरुआत की गई थी। उन्होंने ही चार मुख्य तीर्थों को कुंभ मेले के चार पीठ के रूप में स्थापित कराया था। कुंभ मेले के दौरान देश दुनिया से दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं। सभी का एक ही मकसद होता है पवित्र स्नान में डुबकी लगाना। मान्यता है कि कुंभ मेले के दौरान पवित्र स्नान करने से पिछले और इस जन्म के सभी पाप धुल जाते हैं। Read More
ज्योतिष परिणामों के अनुसार 3 फरवरी की रात 11:50 पर अमावस्या तिथि प्रारंभ हो जाएगी जो कि अगले दिन 4 फरवरी की दोपहर 2:30 बजे तक मान्य रहेगी। इस बीच स्नान करने से धन, सुख, संपदा, यश की प्राप्ति हो सकती है। ...
कुम्भ मेला क्षेत्र में विहिप के शिविर में चल रही धर्म संसद को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि जो शक्तियां कई पीढ़ियों तक शत्रु थीं, अब वे संधि करके हिंदुओं के खिलाफ षड़यंत्र कर रही हैं। ...
योगी सरकार में ऐसा पहली बार हुआ जब राजधानी लखनऊ के बाहर प्रयागराज में यूपी कैबिनेट की बैठक हुई. इसके बाद योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पूरी कैबिनेट ने कुंभ स्नान किया. कुंभ स्नान की योगी आदित्यनाथ की फोटो सोशल मीडिया पर खूब छाई थी. ...