पाकिस्तान में सिख धर्म के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक करतारपुर साहिब करतारपुर, जिला नारोवल, पाकिस्तान में स्थित है। यह वही स्थान हैं जहां 22 सितंबर 1539 को सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी ज्योति ज्योत (उनका निधन हुआ था) समाए थे। सिखों की इस धार्मिक स्थल से बेहद आस्था जुड़ी है।सिखों द्वारा गुरु नानक देव जी से जुड़े धार्मिक स्थल करतारपुर साहिब को भारतीय सिखों के लिए खोल देने की मांग की जा रही थी। पाकिस्तान ने इस कॉरिडोर को मंजूरी दे दी है। Read More
सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब जाने के लिए केवल अनुमति लेनी होगी। करतारपुर साहिब की स्थापना गुरू नानक देव ने 1522 में की थी। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता डॉ मोहम्मद फैसल ने साप्ताहिक ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘करतारपुर गलियारे पर तनकीकी ...
उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, छत्तीसगढ़ और केरल में विधानसभा की एक-एक सीट पर उपचुनाव की घोषणा, सुप्रिया सुले के काफिले आठ वाहनों पर जुर्माना और करतारपुर गलियारा के लिए तनाव के बावजूद प्रतिबद्ध पाकिस्तान, समेत कई अन्य समाचार शाम की बड़ी खबरों में शामिल हैं। ...
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा था कि करतापुर गलियारे का काम राष्ट्रहित में रोक देना चाहिए और पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं होनी चाहिए। सुब्रह्मण्यम ने साथ ही कहा था कि सिख राष्ट्रवादी होते हैं और वे इसे समझेंगे। ...
अनुच्छेद-370 के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच सारे व्यापार, बस सेवा रोक दी गई। इस बीच अच्छी खबर है कि पाकिस्तान ने करतारपुर गलियारा खोलने और बाबा गुरुनानक देव की 550वीं जयंती समारोह में शामिल होने आने वाले सिख श्रद्धालुओं का स्वागत करने को तैयार है। ...
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने करतारपुर गलियारा के निर्माण से जुड़ी गतिविधियों को पाकिस्तान द्वारा धीमा किये जाने की खबरों पर चिंता जताई है और पड़ोसी देश से इस सिलसिले में किये अपने वादे से पीछे नहीं हटने की भी अपील की है। ...
करतारपुर साहिब पाकिस्तान-भारत सीमा से चार किलोमीटर दूर नरोवाल में एक छोटा सा नगर है जहां गुरु नानक ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताये थे। पाकिस्तान भारतीय सीमा से करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब तक गलियारे का निर्माण करेगा जबकि गुरदासपुर में डे ...
पाकिस्तान द्वारा करतारपुर कॉरिडोर पर भारतीय पक्ष को स्वीकार करना और भारत के लिए अपना एयरोस्पेस ओपन करना कमोबेश यह संदेश देता है कि अब पुन: पाकिस्तान भारत से अपने संबंधों को बेहतर बनाना चाहता है या उसे भारत की जरूरत है. ...