अनुच्छेद-370 पर भारत-पाक में तनाव, कुरैशी ने कहा-हम करतारपुर गलियारा खोलेंगे, सिख श्रद्धालुओं का स्वागत करेंगे

By भाषा | Published: August 23, 2019 12:37 PM2019-08-23T12:37:25+5:302019-08-23T12:37:25+5:30

अनुच्छेद-370 के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच सारे व्यापार, बस सेवा रोक दी गई। इस बीच अच्छी खबर है कि पाकिस्तान ने करतारपुर गलियारा खोलने और बाबा गुरुनानक देव की 550वीं जयंती समारोह में शामिल होने आने वाले सिख श्रद्धालुओं का स्वागत करने को तैयार है।

Ready to open Kartarpur Corridor despite tensions with India: Pakistan | अनुच्छेद-370 पर भारत-पाक में तनाव, कुरैशी ने कहा-हम करतारपुर गलियारा खोलेंगे, सिख श्रद्धालुओं का स्वागत करेंगे

डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से सीमा तक के हिस्से का निर्माण भारत कर रहा है।

Highlightsकरतारपुर गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को भारत के गुरुदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक को जोड़ेगा। भारतीय सिख श्रद्धालु बिना किसी वीजा के केवल परमिट के आधार पर करतारपुर साहिब का दर्शन कर सकेंगे।पाकिस्तान गुरुद्वारा डेरा साहिब से भारतीय सीमा तक गलियारे का निर्माण कर रहा है।

पाकिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि भारत के साथ तनाव के बावजूद वह करतारपुर गलियारा खोलने और बाबा गुरुनानक देव की 550वीं जयंती समारोह में शामिल होने आने वाले सिख श्रद्धालुओं का स्वागत करने को तैयार है।

पाकिस्तान के विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अफगानिस्तान के सांसदों और नागरिक समाज के प्रतिनिधिमंडल से संवाद के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘भारत के साथ तनाव के बावजूद हमने करतारपुर गलियारे पर आगे बढ़ने का फैसला किया है।

हम बाबा गुरु नानक की 550वीं जयंती पर सिख श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए तैयार हैं।’’ करतारपुर गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को भारत के गुरुदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक को जोड़ेगा। भारतीय सिख श्रद्धालु बिना किसी वीजा के केवल परमिट के आधार पर करतारपुर साहिब का दर्शन कर सकेंगे जिसकी स्थापना 1522 में गुरु नानक देव जी ने की।

पाकिस्तान गुरुद्वारा डेरा साहिब से भारतीय सीमा तक गलियारे का निर्माण कर रहा है, जबकि डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से सीमा तक के हिस्से का निर्माण भारत कर रहा है। गौरतलब है कि पांच अगस्त को भारत ने अनुच्छेद-370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को खत्म कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था। इसके बाद से दोनों देशों में तनाव और बढ़ गया।

कुरैशी ने प्रतिनिधिमंडल से यह भी कहा कि भारत के साथ मौजूदा तनाव का असर अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान के रिश्तों पर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा,‘‘अफगानिस्तान के साथ लगती सीमा बंद नहीं होगी और न ही व्यापार रोका जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी के कदम की वजह से अफगान क्यों भुगते?’’

विदेशमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘भारत के साथ तनाव के बावजूद, पाकिस्तान का ध्यान अफगानिस्तान में हालात और वहां उसकी भूमिका पर केंद्रित है। कश्मीर बड़ा मुद्दा है, लेकिन हम अफगानिस्तान में अपनी भूमिका को लेकर स्पष्ट हैं।’’

कुरैशी ने कहा, ‘‘पाकिस्तान किसी रणनीतिक गहराई में भरोसा नहीं करता। हम केवल पड़ोसी अफगानिस्तान से बेहतर रिश्ता और शांतिपूर्ण सह अस्तित्व चाहते हैं। आगामी चुनाव में हमारा कोई पसंदीदा नहीं है। अफगानिस्तान में कौन शासन करे इस बारे में सोचना हमारा काम नहीं है। हम कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे, जिसको अफगानिस्तान चुनेगा हम उसके साथ काम करेंगे।’’

विदेशमंत्री ने जोर देकर कहा कि ईमानदारी दोनों देशों के संबंधों को आगे ले जाने का रास्ता है। एक दूसरे के साथ चाल चलने का विचार बेवकूफी भरा है। आरोप-प्रत्यारोप विकल्प नहीं है। यह दोनों की मदद नहीं करेगा। कुरैशी ने कहा, ‘‘हम किसी भी क्षेत्र का तालिबानीकरण नहीं चाहते हैं, लेकिन तालिबान अफगानिस्तान की वास्तविकता है।’’

उन्होंने कहा कि हम अफगान वार्ता का समर्थन करते हैं। यह प्रक्रिया अफगानों द्वारा और अफगानों के नेतृत्व में होनी चाहिए। कुरैशी ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि उन्होंने त्रिपक्षीय बैठक के लिए चीन और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों को बुलाया है। दोनों देश के विदेश मंत्री सितंबर के पहले हफ्ते में वार्ता के लिए पाकिस्तान आएंगे। 

Web Title: Ready to open Kartarpur Corridor despite tensions with India: Pakistan

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