करतारपुर गलियारे को लेकर सुब्रह्मण्यम स्वामी के बयान पर विवाद, कांग्रेस ने कहा- अपना रुख स्पष्ट करे बीजेपी
By भाषा | Published: August 25, 2019 06:22 PM2019-08-25T18:22:52+5:302019-08-25T18:22:52+5:30
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा था कि करतापुर गलियारे का काम राष्ट्रहित में रोक देना चाहिए और पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं होनी चाहिए। सुब्रह्मण्यम ने साथ ही कहा था कि सिख राष्ट्रवादी होते हैं और वे इसे समझेंगे।
पंजाब के दो कैबिनेट मंत्रियों समेत प्रदेश के कई कांग्रेस नेताओं ने रविवार को भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी पर उनके इस बयान को लेकर प्रहार किया कि करतारपुर गलियारे पर काम राष्ट्रहित में बंद कर दिया जाना चाहिए। पार्टी के आठ विधायकों समेत वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने स्वामी की निंदा की और कहा कि करतारपुर गलियारे पर उनके बयान से सिखों की भावनाएं आहत हुई हैं।
एक संयुक्त बयान में विधायकों-- हरप्रताप सिंह अजनाला, कुलजीत सिंह नागरा, अमरिंदर सिंह राजा वारिंग, फतेहजंग सिंह बाजवा, बरिंदरमीत सिंह पाहरा, कुलबीर सिंह जीरा, बलविंदर सिंह लड्डी और संतोख सिंह भलाईपुर के अलावा पंजाब के मंत्रियों-- सुखजिंदर सिंह रंधावा और भारत भूषण आशु ने कहा कि भाजपा और उसकी सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।
उन्होंने कहा, 'पूरा पंजाब खासकर सिख समुदाय यह अच्छी तरह जानता है कि बादल परिवार को सिखों के हितों में काम करने के बजाय सत्ता से चिपके रहना पसंद है।' कांग्रेस नेताओं ने कहा कि गुरुद्वारों पर जीएसटी तथा भाजपा के एक नेता द्वारा इस गलियारे का विरोध समेत विभिन्न मुद्दों पर शिअद की चुप्पी ‘साबित करती है कि इस पाप में भाजपा के साथ उसकी मिली-भगत है।’
स्वामी ने शनिवार को कहा था कि करतापुर गलियारे का काम राष्ट्रहित में रोका जाना चाहिए और पाकिस्तान के साथ किसी भी मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं होनी चाहिए। जब उनसे सिखों की भावनाओं के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि सिख राष्ट्रवादी होते हैं और वे इसे समझेंगे। पिछले साल एक बड़ी पहल के तहत भारत और पाकिस्तान करतारपुर के ऐतिहासिक गुरुद्वारा दरबार साहिब को गुरदासपुर के बाबा नानक साहिब से जोड़ने के लिए एक गलियारा बनाने पर राजी हुए थे।