आज जब नेहरू को गलत ठहराने की कोशिश की जा रही है और ‘सच्चा इतिहास’ लिखने की बात कही जा रही है तो क्या किसी ने गहराई से तत्कालीन तथ्यों का बेबाक विवेचन किया? क्या यह पता किया गया कि नेहरू के पास विकल्प क्या-क्या थे और नेहरू न होते तो वास्तव में कश्मीर ...
तीस जनवरी मार्ग पर कुछ दूर चलें तो विशाल बिड़ला हाउस आता है जहां ‘बापू’ ने अपने अंतिम 144 दिन गुजारे थे। यहीं वह शहीद हुए थे। उनके शहादत के दिन पर ही इस सड़क को नाम ‘तीस जनवरी मार्ग’ रखा गया है। ...
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर हमेशा ही अपने ट्वीट को लेकर ट्रोल होते रहते हैं। इससे पहले शशि थरूर अपने एक ट्वीट में इस्तेमाल किये गये शब्द को लेकर भी ट्रोल हुए थे। ...
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को अंदाजा था कि जनसंख्या एक दिन समस्या बनेगी. आंकड़े उस वक्त भी गवाही दे रहे थे. सन् 1901 में भारत की आबादी करीब 23 करोड़ 83 लाख थी जो 1951 आते-आते 36 करोड़ को पार कर चुकी थी. इस खतरे को भांपते हुए उन्होंने 19 ...
मुजफ्फरनगर खतौली के विधायक विक्रम सिंह सैनी ने अपनी फेसबुक पर पंडित जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी। जब पत्रकारों ने उनकी फेसबुक टिप्पणी के बारे में पूछा तो उन्होंने माफी मांगेन की जगह फिर से अपमानजनक टिप्पणी की। ...
13 सितंबर का यह दिन देश के इतिहास में आतंकवाद की एक बड़ी घटना के साथ दर्ज है जब आतंकवादियों ने 2008 में शनिवार के दिन देश की अति सुरक्षित मानी जाने वाली राजधानी में 30 मिनट के अंतराल पर व्यस्त स्थानों पर चार बम विस्फोट किए थे। ...
भारत की राजभाषा हिंदी को देश के महान पूर्वजों ने भी अपने विचार रखे थे। उनमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, स्वतंत्रता सेनानी और गांधीवादी नेता विनोबा भावे और वैदिक धर्म के महान गुरू स्वामी दयानंद सरस्वती भी शामिल ...