Hindi Diwas 2019: महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, विनोबा भावे और दयानंद सरस्वती ने हिंदी के बारे में क्या कहा था, जानें
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: September 11, 2019 05:12 PM2019-09-11T17:12:09+5:302019-09-11T17:12:09+5:30
भारत की राजभाषा हिंदी को देश के महान पूर्वजों ने भी अपने विचार रखे थे। उनमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, स्वतंत्रता सेनानी और गांधीवादी नेता विनोबा भावे और वैदिक धर्म के महान गुरू स्वामी दयानंद सरस्वती भी शामिल थे।
Hindi Diwas 2019: हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। भारत को लोक जीवन में गहरे रची-बसी हिंदी भाषा समय के साथ वैश्विक स्तर पर भी लोकप्रिय हो रही है। विशेषकर सोशल मीडिया द्वारा हिंदी को लिखने और पढ़ने का चलन बढ़ रहा है। अंग्रेजी माहौल में पलने-बढ़ने वाले लोगों के बीच भी हिंदी ओजस्वी हो रही है।
भारत के पूर्वज हिंदी ही तासीर से अच्छे से परिचित थे इसलिए जब भी अवसर मिला, इसके उनके मन का कोमल कोना संसार के सामने उजागर हो गया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से लेकर पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक विनोबा भावे, वैदिक ज्ञान के प्रणेता और उसके वैज्ञानिक पहलू को जन-जन तक आंदोलन के रूप में ले जाने वाले स्वामी दयानंद सरस्वती ने हिंदी को लेकर अपने विचार रखे थे।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था, ''हिंदी का प्रश्न स्वराज प्रश्न है।''
पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कहा था, ''हिंदी स्वयं अपनी ताकत से बढ़ेगी।''
स्वामी दयानंद सरस्वती ने कहा था, ''हिंदी द्वारा सारे जगत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है।''
महान कवि मैथिलीशरण गुप्त ने एक बार कहा था, ''हिंदी उन सभी गुणों से अलंकृत है जिनके बल पर वह विश्व की साहित्य भाषाओं की अगली श्रेणी में सभासीन हो सकती है।''
भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता और प्रसिद्ध गांधीवादी नेता विनोबा भावे ने कहा था, ''मैं दुनिया की सब भाषाओं की इज्जत करता हूं परंतु देश में हिंदी की इज्जत न हो, यह मैं नहीं सह सकता।''
इनके अलावा भारतीय फिल्म जगत के सितारों ने भी अपनी हिंदी को लेकर अपनी राय रखी। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने कहा था, ''केबीसी की भाषा हिंदी है इसलिए मैं हिंदी बोलता हूं। अगर यह युवा पीढ़ी को हिंदी बोलने के लिए प्रोत्साहित करता है तो यह अच्छा है।''
फिल्म स्टार इरफान खान ने कहा था, ''हिंदी के विकास, प्रचार-प्रसार और बढ़ावे के लिए सबसे जरूरी है हिंदी को स्कूलों में अच्छी तरह पढ़ाया जाए। जब तक अच्छे स्कूल नहीं होंगे, तब तक माता-पिता अपने बच्चों को वहां पढ़ने नहीं भेजेंगे।''