इस्लाम एक एकेश्वरवादी धर्म है। इसकी स्थापना 570 ई. में हजरत मुहम्मद ने मक्का में की थी। हजरत मुहम्मद को 610 ई. में मक्का के पास हीरा नाम की गुफा में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। 24 सिंतबर को पैगंबर की मक्का से मदीना की यात्रा इस्लाम जगत में मुस्लिम संवत के नाम से जानी जाती है। इस्लाम अपने समय का काफी प्रगतिशील धर्मा रहा होगा क्योंकि हजरत मुहम्मद ने 25 साल की उम्र में खदीजा नाम की विधवा से शादी की थी। देवदूत ग्रैब्रियल ने पैगम्बर मुहम्मद को कुरान अरबी भाषा में संप्रेषित की। कुरान इस्लाम धर्म का पवित्र ग्रंथ है। हजरत मुहम्मद की मृत्यु 8 जून 632 ई. को हुई. इन्हें मदीना में दफनाया गया। हजरत मुहम्मद की मृत्यु के बाद इस्लाम शिया और सुन्नी दो पंथों में बंट गया। सुन्नी उन्हें कहते हैं जो सुन्ना में विश्वास रखते हैं। सुन्ना हजरत मुहम्मद के कथनों और कार्यों का विवरण है। शिया अली की शिक्षाओं में विश्वास रखते हैं और उन्हें हजरत मुहम्मद का उत्तराधिकारी मानते हैं। अली, हजरत मुहम्मद के दामाद थे। Read More
सहरी के बाद रोजेदार पूरा दिन कुछ नहीं खाते और पीते हैं। इसके बाद वो शाम को इफ्तार के समय ही कुछ खाते-पीते हैं। इसका मतलब ये हुआ कि रोजा रखने वाले लोग दिनभर में तकरीबन 13 से 15 घंटे तक बिना खाए-पिए रहते हैं। जाहिर है कि इस भीषण गर्मी में रोजा रखना कोई ...
Ramadan 2022: रमजान के महीने में इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग रोजा रखते हैं। रोजा रखने का मतलब सूर्योदय से सूर्यास्त तक उपवास करना है। आखिर ऐसा क्यों करते हैं लोग, जानिए इस पाक माह-ए-रमजान की कहानी... ...
रमजान इस साल 2 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। मगर इसकी सही तारीख चांद दिखने पर निर्भर करती है। इस्लामिक हिजरी कैलेंडर के अनुसार रमजान नौवां महीना है जिसमें रोजा रखा जाता है। इस्लामी परंपराओं के अनुसार, रोजे की अवधि के दौरान खाने और पीने पर सख्त प्रति ...
Ramadan 2022: पवित्र माह-ए-रमजान की शुरुआत अप्रैल में हो रही है। चांद अगर दो अप्रैल को दिखता है तो तीन से रोजे की शुरुआत होगी। रमजान इस्लाम के सबसे पवित्र महीनों में गिना जाता है। ...
इस बार होली के साथ शब-ए-बारात भी पड़ रही है। साथ ही शुक्रवार का दिन भी है। ऐसे में इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया फरंगीमहल और लखनऊ की ओर से नमाज का समय आगे बढ़ाने की अपील की गई है। ...
कोचिंग सेंटर Vision IAS की कक्षाओं के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद संस्थान की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि उसका मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। ...