सुखोई-30 एमकेआई वायुसेना के पास सबसे आधुनिक युद्धक विमान हैं। भारतीय वायुसेना के पास लड़ाकू विमानों के लगभग 32 स्क्वाड्रन हैं। ये चीन तथा पाकिस्तान की दोहरी चुनौती को देखते हुए पर्याप्त नहीं है। ...
एएनआई से बात करते हुए, रक्षा सूत्रों ने कहा, "इंफाल हवाई अड्डे के पास यूएफओ के बारे में सूचना मिलने के तुरंत बाद, पास के एयरबेस से एक राफेल लड़ाकू विमान को यूएफओ की खोज करने के लिए भेजा गया।" ...
यह एक पांचवीं पीढ़ी का बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है जिसे सभी प्रकार के हवाई, जमीन और नौसैनिक लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। सुखोई-57 फाइटर जेट में स्टील्थ तकनीक है। ...
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के दौरान नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में मतदान दलों को तैनात करने और उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारतीय वायु सेना के आठ एमआई—17 हेलीकॉप्टरों ने छह दिनों में 404 उड़ानें भरीं। ...
सेना 2027 तक अपने पुराने चीता और चेतक हेलिकॉप्टरों को रिटायर करना शुरू कर देगी। उम्मीद है कि इस समय तक नए हेलिकॉप्टरों के शामिल होने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। अनुमान है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (एचएएल) 2027 तक 3-टन श्रेणी में नए लाइट यूटिलिटी हेली ...
सैन्य रणनीतिकारों का मानना है कि भविष्य में भारत को दोहरे मोर्चे पर सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि वायुसेना और थलसेना दोनों मजबूत हों। ...
बाड़मेर वायु सेना स्टेशन पर सुखोई 30-एमकेआई को तैनात करने महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां से पाकिस्तान की सीमा बेहद नजदीक है। सुखोई 30-एमकेआई भारत के सबसे उन्नत विमानों में से हैं और इनसे परमाणु हमले में सक्षम मिसाइल और सुपरसोनिक ब्रह्मेस भी दागी जा सकती ...
भारत ने 2028-2029 तक अपनी लंबी दूरी की वायु रक्षा प्रणाली को सक्रिय रूप से तैनात करने की योजना बनाई है। यह जो 350 किमी तक की दूरी पर आने वाले स्टील्थ लड़ाकू विमानों, विमानों, ड्रोन, क्रूज़ मिसाइलों और निर्देशित हथियारों का पता लगा सकती है और उन्हें न ...