भारतीय सेना की एवियेशन विंग में शामिल किए जाएंगे अपाचे, प्रचंड जैसे लड़ाकू हेलीकॉप्टर, चीता/चेतक बेड़े को रिटायर किया जाएगा

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: November 8, 2023 02:22 PM2023-11-08T14:22:17+5:302023-11-08T14:23:58+5:30

सेना 2027 तक अपने पुराने चीता और चेतक हेलिकॉप्टरों को रिटायर करना शुरू कर देगी। उम्मीद है कि इस समय तक नए हेलिकॉप्टरों के शामिल होने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। अनुमान है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (एचएएल) 2027 तक 3-टन श्रेणी में नए लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) की डिलीवरी शुरू कर देगी।

Combat helicopters Apache, Prachanda will be included in aviation wing of Indian Army Cheetah/Chetak fleet will be retired | भारतीय सेना की एवियेशन विंग में शामिल किए जाएंगे अपाचे, प्रचंड जैसे लड़ाकू हेलीकॉप्टर, चीता/चेतक बेड़े को रिटायर किया जाएगा

(फाइल फोटो)

Highlights भारतीय सेना हेलीकॉप्टर शामिल करने की योजना पर काम कर रही हैतीन अतिरिक्त एकीकृत विमानन ब्रिगेड स्थापित करने की योजना दो को वास्तविक नियंत्रण रेखा (चीन सीमा) पर तैनात किया

नई दिल्ली:  भारतीय सेना  लगातार अपने विमानन कोर की  क्षमताओं को बढ़ा रही है। सेना आने वाले समय में अपने विमानन कोर में 126 हल्के बहुपयोगी हेलीकॉप्टर, 90 प्रचंड लड़ाकू हेलीकॉप्टर, छह हेवी-ड्यूटी अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर और 25 उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर शामिल करने की योजना पर काम कर रही है। सेना की योजना हवा से प्रक्षेपित होने वाली हेलिना एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें को दागने में सक्षम हथियारयुक्त ड्रोन  शामिल करने की भी है। 

अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर अमेरिका में निर्मित अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर हैं जो हवा से हवा में मार करने वाली स्टिंगर मिसाइलों, हवा से जमीन पर मार करने वाली हेलफायर लॉन्गबो मिसाइलों और बंदूकों और रॉकेटों से लैस हैं। इसके लिए फरवरी 2020 में अमेरिका के साथ 5,691 करोड़ रुपये का समझौता हुआ था। छह एएच-64ई अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टरों की डिलीवरी अगले साल फरवरी-जून के बीच होगी। भारतीय वायुसेना पहले से ही  22 ऐसे हेलीकॉप्टरों का संचालन कर रही है। 

पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रहे सैन्य टकराव के बाद से ही आर्मी एविएशन कोर (एएसी) अब तीन अतिरिक्त एकीकृत विमानन ब्रिगेड स्थापित करने की योजना बना रही है, जिनमें से दो को वास्तविक नियंत्रण रेखा (चीन सीमा) पर तैनात किया जाएगा। एक  विमानन ब्रिगेड को पाकिस्तान से जुड़ी सीमा पर तैनात किया जाएगा।

सेना 2027 तक अपने पुराने चीता और चेतक हेलिकॉप्टरों को रिटायर करना शुरू कर देगी। उम्मीद है कि इस समय तक नए हेलिकॉप्टरों के शामिल होने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। अनुमान है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (एचएएल) 2027 तक 3-टन श्रेणी में नए लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) की डिलीवरी शुरू कर देगी। चीता/चेतक बेड़े को चरणबद्ध तरीके से हटाने और उन्हें बदलने की इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 10-12 साल लगेंगे। कुछ हेलिकॉप्टरों को अंतरिम तौर पर पट्टे पर भी लिया जाएगा। सैन्य अधिकारियों के मुताबिक सेना की एवियेशन विंग को 250 एलयूएच की जरूरत है।

बता दें कि सैन्य रणनीतिकारों का मानना है कि भविष्य में भारत को दोहरे मोर्चे पर सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि वायुसेना और थलसेना दोनों मजबूत हों। यही कारण है कि हाल के दिनों में कई अहम रक्षा फैसले लिए गए हैं। इनमें 97 एलसीए तेजस मार्क1-ए और 66 हेलिकॉप्टर्स की खरीद, फ्रांस से आए 36 राफेल के अलावा 84 सुखोई-30 लड़ाकू विमानों को अपग्रेड करने और सुखोई विमानों के बेडे़ को स्वदेशी हथियार प्रणालियों और विरुपाक्ष नामक रडार से लैस करने की परियोजना शामिल है।

Web Title: Combat helicopters Apache, Prachanda will be included in aviation wing of Indian Army Cheetah/Chetak fleet will be retired

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