अब भारतीय सेना में भी जल्द शामिल होंगे अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर, चीन-पाकिस्तान सीमा पर होगी तैनाती

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: November 5, 2023 03:52 PM2023-11-05T15:52:48+5:302023-11-05T15:54:12+5:30

सैन्य रणनीतिकारों का मानना है कि भविष्य में भारत को दोहरे मोर्चे पर सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि वायुसेना और थलसेना दोनों मजबूत हों।

Apache combat helicopters will soon join Indian Army will be deployed on the China-Pakistan border | अब भारतीय सेना में भी जल्द शामिल होंगे अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर, चीन-पाकिस्तान सीमा पर होगी तैनाती

अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर अमेरिका में निर्मित अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर हैं

Highlightsभारतीय सेना अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को शामिल करने की तैयारी कर रही हैये अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर वायुसेना के नहीं बल्कि थलसेना की एवियेशन विंग को मिलेंगेअपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टरों की डिलीवरी अगले साल फरवरी-जून के बीच होगी

नई दिल्ली: भारतीय सेना जल्द ही अपने लड़ाकू बेड़े में छह हेवी-ड्यूटी अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को शामिल करने की तैयारी कर रही है। ये अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर वायुसेना के नहीं बल्कि थलसेना की एवियेशन विंग को मिलेंगे। इसके लिए फरवरी 2020 में अमेरिका के साथ 5,691 करोड़ रुपये का समझौता हुआ था। अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर अमेरिका में निर्मित अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर हैं जो हवा से हवा में मार करने वाली स्टिंगर मिसाइलों, हवा से जमीन पर मार करने वाली हेलफायर लॉन्गबो मिसाइलों और बंदूकों और रॉकेटों से लैस हैं। 

छह एएच-64ई अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टरों की डिलीवरी अगले साल फरवरी-जून के बीच होगी। भारतीय वायुसेना पहले से ही  22 ऐसे हेलीकॉप्टरों का संचालन कर रही है। इसके लिए सितंबर 2015 में 13,952 करोड़ रुपये का सौदा हुआ था। सेना की स्ट्राइक कोर को एकीकृत लड़ाकू विमानन कवर प्रदान करने के लिए 22 अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर सीमाओं पर पहले से ही तैनात हैं।

इस बीच  सेना और भारतीय वायुसेना ने रक्षा पीएसयू हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स से 156 और स्वदेशी 'प्रचंड' हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को ऑर्डर करने की योजना को अंतिम रूप दिया है। ये हेलीकॉप्टर सियाचिन ग्लेशियर और पूर्वी लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आक्रामक अभियानों में सक्षम हैं। 

बता दें कि सैन्य रणनीतिकारों का मानना है कि भविष्य में भारत को दोहरे मोर्चे पर सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि वायुसेना और थलसेना दोनों मजबूत हों। यही कारण है कि हाल के दिनों में कई अहम रक्षा फैसले लिए गए हैं। इनमें 97 एलसीए तेजस मार्क1-ए और 66 हेलिकॉप्टर्स की खरीद, फ्रांस से आए 36 राफेल के अलावा 84 सुखोई-30 लड़ाकू विमानों को अपग्रेड करने और सुखोई विमानों के बेडे़ को स्वदेशी हथियार प्रणालियों और विरुपाक्ष नामक रडार से लैस करने की परियोजना शामिल है।

सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों को भारतीय वायुसेना की रीढ़ कहा जाता है। भारत के पास फिलहाल 250 से ज्यादा सुखोई विमान हैं और बहुत सारे भारतीय उपकरणों और हथियार प्रणालियों के साथ सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू बेड़े को अपग्रेड करने की योजना बनाई जा रही है। उन्नत विमान के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक स्वदेशी विरुपाक्ष रडार होगा जो जेट की क्षमता को बढ़ाएगा।

Web Title: Apache combat helicopters will soon join Indian Army will be deployed on the China-Pakistan border

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे