अत्याधुनिक सुखोई-57 लड़ाकू विमानों के निर्माण के लिए भारत से चर्चा कर रहा है रूस, पांचवीं पीढ़ी के Su-57 का प्रदर्शन दुबई एयर शो में किया गया
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: November 16, 2023 04:31 PM2023-11-16T16:31:41+5:302023-11-16T16:33:32+5:30
यह एक पांचवीं पीढ़ी का बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है जिसे सभी प्रकार के हवाई, जमीन और नौसैनिक लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। सुखोई-57 फाइटर जेट में स्टील्थ तकनीक है।
नई दिल्ली: भारत का सबसे बड़ा रक्षा साझीदार रूस सुखोई लड़ाकू विमानों के सबसे आधुनिक वर्जन सुखोई-57 के संयुक्त उत्पादन के बारे में भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ बातचीत कर रहा है। सुखोई-57 पांचवीं पीढ़ी का उन्नत लड़ाकू विमान होगा। सुखोई विमान बनाने वाली रूस की सरकारी हथियार विक्रेता रोसोबोरोनेक्सपोर्ट के सीईओ ने दुबई 2023 एयर शो के मौके पर कहा कि रूस अपने दो रणनीतिक साझेदारों के साथ तकनीकी परामर्श कर रहा है।
चर्चा में रूसी उत्पादन लाइनों से अंतिम विमान की खरीद, संयुक्त विकास और भारत और संयुक्त अरब अमीरात में विशेष घटकों के स्थानीय उत्पादन की स्थापना शामिल है। सुखोई-57 पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है जिसे रोसोबोरोनेक्सपोर्ट ने नवीनतम एयर-लॉन्च हथियारों के साथ दुबई एयर शो 2023 में पेश किया है।
यह एक पांचवीं पीढ़ी का बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है जिसे सभी प्रकार के हवाई, जमीन और नौसैनिक लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। सुखोई-57 फाइटर जेट में स्टील्थ तकनीक है। यह सुपरसोनिक क्रूज़िंग गति तक पहुंचने में सक्षम है। यह शक्तिशाली ऑनबोर्ड कंप्यूटर सहित सबसे उन्नत ऑनबोर्ड रेडियो-इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से सुसज्जित है। दुश्मन के रडार को चकमा देने में सक्षम सुखोई-57 को और भी ज्यादा खास इसके हथियार बनाते हैं।
दुबई एयर शो हर दो साल में एक बार आयोजित होने वाला दुनिया के सबसे बड़े एयरोस्पेस प्रदर्शनियों में से एक है। रूस 1993 से दुबई एयरोस्पेस शो में भागीदार रहा है। इस साल, दुबई एयर शो में 20 देशों के 1,400 से अधिक निर्माताओं के 180 से अधिक विमानों का प्रदर्शन किया गया है। दुबई एयरोस्पेस शो 13 नवंबर को शुरू हुआ था और 17 नवंबर को समाप्त होगा।
बता दें कि रूस और भारत संयुक्त रूप से Su-57 या PAK-FA पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान विकसित करने पर सहमत हुए थे। हालांकि परियोजना की प्रगति से निराश होने के बाद भारत ने 2018 में इस परियोजना को छोड़ दिया था। भारत सुखोई विमानों के सबसे बड़े उपयोगकर्ताओं में से एक है। भारतीय वायुसेना सुखोई-30 एमकेआई का इस्तेमाल करती है। भारतीय वायुसेना के पास लगभग 270 सुखोई हैं। सुखोई 30-एमकेआई भारत के सबसे उन्नत विमानों में से हैं और इनसे परमाणु हमले में सक्षम मिसाइल और सुपरसोनिक ब्रह्मेस भी दागी जा सकती है।