बहुत सी बोलियों और भाषाओं वाले हमारे देश में आजादी के बाद भाषा को लेकर एक बड़ा सवाल आ खड़ा हुआ। आखिरकार 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया। इस दिन के महत्व को देखते हुए हर साल 14 सितंबर को 'हिंदी दिवस' मनाया जाता है। 1953 से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। Read More
हम महाशक्तियों की तरह सुरक्षा परिषद में घुसने के लिए बेताब हैं लेकिन पहले उनकी भाषाओं के बराबर रुतबा तो हम हासिल करें। यह सराहनीय है कि अटलजी और नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण हिंदी में दिए। ...
शिक्षा के माध्यम के रूप में हिंदी की स्वीकृति और उपयोग न होने से हिंदी की सामग्री की गुणवत्ता भी नकारात्मक रूप से प्रभावित हो रही है पर उससे भी अधिक चिंता की बात यह है हिंदी की पृष्ठभूमि से आने वाले छात्र-छात्राओं की प्रतिभा का विकास बाधित हो रहा है. ...
10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाने की घोषणा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2006 में की थी। प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन भी 10 जनवरी 1975 को आयोजित किया गया था। ...
हिंदी को भारत माँ की बिंदी के रूप में परिभाषित किया जाता है। हिंदी भाषा न सिर्फ हिंदुस्तान की पहचान है बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति और संस्कारों की सच्ची संवाहक है। हिंदी के बिना हिंदुस्तान की कल्पना ही नहीं की जा सकती। यह दुनिया की तीसरी स ...
बाजार जहां हिंदी और भारतीय भाषाओं में विस्तार पा रहा है वहीं शिक्षा में भारतीय भाषाएं सिकुड़ती जा रही हैं. अब माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में भी हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाएं उपेक्षणीय हो गई हैं. ...
‘आज’ के अलावा कई दूसरे समाचार पत्नों को भी पराड़करजी का संपादकीय संस्पर्श मिला था. वे 1906 में ‘हिंदी बंगवासी’ के सहायक संपादक होकर कलकत्ता गए. छह महीने बाद हिंदी साप्ताहिक ‘हितवार्ता’ के संपादक हुए और चार वर्ष तक वहीं रहे. साथ ही बंगाल नेशनल कॉलेज ...