भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि मंदी को लेकर दिल्ली और दुनिया में चर्चाएं हैं। अगर कोई मंदी होती, तो हम यहाँ 'कुर्ता' और 'धोती' पहन कर आते, ना कि कोट और जैकेट पहनकर यहां आते। ...
सीआईआई ने कहा कि आर्थिक समीक्षा के आधार पर यह अनुमान लगाया जाता है कि आम बजट में क्या हो सकता है। इसके आधार पर उम्मीद है कि बजट में कुछ साहसिक सुधार देखने को मिल सकता है। ...
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (फिच ग्रुप) को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी 5.5% की दर से बढ़ेगा। हालांकि, इसके साथ ही संस्था ने यह भी कहा है कि नकारात्मक जोखिम का खतरा इस साल देश की अर्थव्यवस्था व जीडीपी पर बना रहेगा। इसके अलावा पिछले दिनों ...
विश्व बैंक की ग्लोबल इकोनॉमिक प्रोस्पेक्ट्स की रिपोर्ट के मुताबिक नॉन बैंकिग फाइनेंशियल कंपनियों के क्रेडिट में कमजोरी इस गिरावट की प्रमुख वजह है। इससे पहले 2008-09 के दौरान वैश्विक मंदी में विकास दर 3.1 प्रतिशत अनुमानित किया गया था। ...
हंके फिलहाल जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी (यूएसए) में एप्लायड इकोनॉमिक्स पढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत में ऋण की काफी तेज वृद्धि देखने को मिली, लेकिन आज स्थिति यह है कि गैर- निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बढ़ रही हैं। विशेषरूप से ...
शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए दूबे ने कहा, ‘‘सोमवार को मैंने एक विशेषज्ञ को उद्धृत करते हुए जीडीपी के संबंध में कुछ बातें कही थी। जिसको जीडीपी मानना है, जीडीपी माने, जिसको हैप्पीनेस इंडेक्स मानना है, वह हैप्पीनेस इंडेक्स माने। ...