मैंने जीडीपी का मुद्दा उठाया, लेकिन सोशल मीडिया पर मेरे परिवार के प्रति अभद्र शब्दों का प्रयोग किया गयाः दूबे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 4, 2019 04:42 PM2019-12-04T16:42:22+5:302019-12-04T16:42:22+5:30
शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए दूबे ने कहा, ‘‘सोमवार को मैंने एक विशेषज्ञ को उद्धृत करते हुए जीडीपी के संबंध में कुछ बातें कही थी। जिसको जीडीपी मानना है, जीडीपी माने, जिसको हैप्पीनेस इंडेक्स मानना है, वह हैप्पीनेस इंडेक्स माने।
लोकसभा में भाजपा सांसद निशिकांत दूबे द्वारा जीडीपी के बारे में दिए गए वक्तव्य को लेकर सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा का प्रयोग किये जाने का मुद्दा उठाया और सोशल मीडिया पर ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिये कानून बनाने की मांग की।
शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए दूबे ने कहा, ‘‘सोमवार को मैंने एक विशेषज्ञ को उद्धृत करते हुए जीडीपी के संबंध में कुछ बातें कही थी। जिसको जीडीपी मानना है, जीडीपी माने, जिसको हैप्पीनेस इंडेक्स मानना है, वह हैप्पीनेस इंडेक्स माने। जिसको गांव, गरीब को मानना है, वह गांव गरीब को माने और जिसको अमेरिका को मानना है, वह अमेरिका को माने।’’
उन्होंने कहा कि उन्होंने सभी बातें तर्क के साथ रखी थी, लेकिन मीडिया, खासकर सोशल मीडिया पर उनकी बात के संदर्भ में उनके परिवार के प्रति अभद्र शब्दों का प्रयोग किया गया। दूबे ने कहा कि उनका सरकार से आग्रह है कि सदन में बोलने के संदर्भ में इस प्रकार की जो घटनाएं होती है, ऐसे में सोशल मीडिया पर ऐसी गतिविधि पर रोक लगाने के लिये कानून बने।
बालिया से भाजपा सांसद वीरेन्द्र सिंह ने दूबे का समर्थन करते हुए कहा कि वह गांव से हैं, किसान है। जीडीपी को नहीं मानते हैं। उन्होंने कहा कि जीडीपी हमारे गांव, किसान का पैमाना तय नहीं कर सकती। भाजपा की जसकौर मीणा ने पिछड़े वर्गों के संबंध में क्रीमी लेयर का मुद्दा उठाया और उनके हितों की सुरक्षा करने की मांग की।
भाजपा के अजय निषाद ने नीलगाय, जंगली सुअर एवं अन्य जानवरों द्वारा फसलों को नुकसान किये जाने का मुद्दा उठाया और सरकार से किसानों के हित में फसलों को सुरक्षित बनाने के लिए कदम उठाने की मांग की ।