Budget 2020: उद्योग जगत ने कहा- 'जीडीपी 6.5 प्रतिशत हासिल करना चुनौतीपूर्ण', बजट से जताई ये उम्मीदें

By भाषा | Published: February 1, 2020 09:21 AM2020-02-01T09:21:38+5:302020-02-01T09:21:38+5:30

सीआईआई ने कहा कि आर्थिक समीक्षा के आधार पर यह अनुमान लगाया जाता है कि आम बजट में क्या हो सकता है। इसके आधार पर उम्मीद है कि बजट में कुछ साहसिक सुधार देखने को मिल सकता है।

Union Budget 2020: Industry says Need to take bold steps to achieve 6.5 percent GDP | Budget 2020: उद्योग जगत ने कहा- 'जीडीपी 6.5 प्रतिशत हासिल करना चुनौतीपूर्ण', बजट से जताई ये उम्मीदें

उद्योग जगत को बजट से कुछ साहसिक सुधार की उम्मीद (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlights'सरकार को 6 से 6.5 प्रतिशत जीडीपी हासिल करने के लिए साहसिक उपाय करने होंगे'सीआईआई ने कहा- आर्थिक समीक्षा के आधार पर सरकार से सुधार की ओर कुछ कदम उठाने की उम्मीद

उद्योग मंडलों और आर्थिक विशेषज्ञों ने कहा है कि 2020-21 में 6 से 6.5 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर हासिल करना चुनौतीपूर्ण होगा। उनका कहना है कि सरकार को वृद्धि को प्राथमिकता देने की जरूरत है और इसे हासिल करने के लिये साहसिक उपाय करने होंगे। 

संसद में शुक्रवार को आर्थिक समीक्षा में अगले वित्त वर्ष 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर 6 से 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है जबकि चालू वित्त वर्ष में इसके 5 प्रतिशत रहने की संभावना है। उद्योग मंडल सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, 'वित्त वर्ष 2020-21 की आर्थिक समीक्षा में वृद्धि दर 6 से 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है। इस लक्ष्य को उपयुक्त सुधारों और सार्वजनिक निवेश के जरिये हासिल किया जा सकता है।' 

सीआईआई ने कहा कि आर्थिक समीक्षा के आधार पर यह अनुमान लगाया जाता है कि आम बजट में क्या हो सकता है। इसके आधार पर उम्मीद है कि बजट में कुछ साहसिक सुधार देखने को मिल सकता है। पीडब्ल्यूसी इंडिया के आर्थिक परामर्श सेवा प्रमुख रानेन बनर्जी ने कहा कि 6 से 6.5 प्रतिशत वृद्धि हासिल करना चुनौतीपूर्ण होगा। 

उन्होंने कहा, ‘देश में मांग में अभी तेजी आनी बाकी है। भारत समेत वैश्विक वृद्धि पर कोरोना विषाणु का प्रभाव देखने को मिल सकता है। डेलायॅट इंडिया की अर्थशास्त्री रूमकी मजूमदार ने कहा कि समीक्षा में 2020-21 में आर्थिक वृद्धि में तेजी की बात कही गयी है लेकिन इसमें यह भी कहा है कि सरकार को वृद्धि में तेजी लाने के लिये खर्च बढ़ाना पड़ सकता है। यानी राजकोषीय घाटा बढ़ेगा। 

उन्होंने कहा, ‘जैसा कि पूर्व में कहा गया है, सरकार को फिलहाल आर्थिक वृद्धि को प्राथमिकता देनी चाहिए। एक बार इसमें तेजी आती है, सरकार अपने व्यय को काबू में करने के लिये कदम उठा सकती है।’ 

टेक महिंद्रा के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी सी पी गुरनानी ने कहा कि भारत को 5जी क्रियान्वयन समेत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से कदम बढ़ाने की जरूरत है। इससे कृत्रिम मेधा (एकआई), मशीन लर्निंग जैसी प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। इससे डिजिटल अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी। 

उद्योग मंडल एसोचैम के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि केंद्र सरकार को आर्थिक वृद्धि में तेज करने के लिये साहसिक नीतिगत और राजकोषीय उपाय करने की जरूरत है। फिक्की की उपाध्यक्ष संगीता रेड्डी ने कहा, ‘आर्थिक समीक्षा में जो बातें कही गयी हैं, वह जमीनी हकीकत को बताता है... 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर 6 से 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है जिसके लिये सुधारों को आगे बढ़ाने की जरूरत है।’ 

पीएचडी चैंबर के अध्यक्ष डी के अग्रवाल ने कहा कि हमारा बजट के व्यवहारिक होने का अनुमान है जिसमें आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये मांग और निवेश बढ़ाने पर जोर होगा।

केपीएमजी के भागीदार और राष्ट्रीय प्रमुख (बुनियादी ढांचा, सरकार और स्वास्थ्य) ए जार्ज ने कहा, ‘आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य को हकीकत में बदलने और राष्ट्रीय आकांक्षाओं को पूरा करने के लिये न केवल बुनियादी ढांचा और ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश की जरूरत है बल्कि भरोसे का एक महौल भी बनाने की आवश्यकता है।’ 

Web Title: Union Budget 2020: Industry says Need to take bold steps to achieve 6.5 percent GDP

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