अगर देश में मंदी होती, तो हम यहां पैंट कोर्ट पहनकर नहीं 'कुर्ता' और 'धोती' पहन कर आते: BJP सांसद
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 10, 2020 07:53 AM2020-02-10T07:53:12+5:302020-02-10T07:53:12+5:30
भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि मंदी को लेकर दिल्ली और दुनिया में चर्चाएं हैं। अगर कोई मंदी होती, तो हम यहाँ 'कुर्ता' और 'धोती' पहन कर आते, ना कि कोट और जैकेट पहनकर यहां आते।
इन दिनों अर्थव्यवस्था में सुस्ती से देश में रोजगार सृजन बुरी तरह प्रभावित हुआ है चालू वित्त वर्ष में नयी नौकरियों के अवर एक साल पहले की तुलना में कम पैदा हुए हैं । एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट इकोरैप की रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष 2019-20 में इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 की तुलना में 16 लाख कम नौकरियों का सृजन होने का अनुमान है। इन सबके बीच भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने बलिया की एक सभा में मंदी को लेकर बेहद अजीबो-गरीब बयान दिया है।
BJP MP Virendra Singh Mast in Ballia: There have been discussions in Delhi & the world, about a recession. If there was any recession, we would have come here wearing 'kurta' & 'dhoti', not coats & jackets. If there was a recession we wouldn't have bought clothes, pants& pajamas. pic.twitter.com/5JdVPa9wRL
— ANI UP (@ANINewsUP) February 9, 2020
भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि मंदी को लेकर दिल्ली और दुनिया में चर्चाएं हैं। अगर कोई मंदी होती, तो हम यहाँ 'कुर्ता' और 'धोती' पहन कर आते, ना कि कोट और जैकेट पहनकर यहां आते। अगर मंदी होती तो हम नए-नए कपड़े, पैंट और पजामा नहीं खरीदते।
यह कोई नई बात नहीं है कि किसी भाजपा के सांसद ने मंदी को लेकर इस तरह की बात कही हो। इससे पहले भी भाजपा के केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का बयान विवादों में रह चुका है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पिछले साल बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था में सुस्ती को नकार दिया था।
उन्होंने मंदी से इनकार करते हुए कहा था कि फिल्में अच्छा कारोबार कर रही हैं और करोड़ों कमा रही है। रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि तीन हिंदी फिल्में एक दिन में 120 करोड़ रुपये का कारोबार कर रही हैं, तो फिर देश में मंदी कहां है?
इसके अलावा, जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस वित्त वर्ष यानी 2019-20 में महज 5 फीसदी का ग्रोथ होने का अनुमान है। इस वित्त वर्ष की सितंबर में खत्म दूसरी तिमाही में तो महज 4.8 फीसदी की ग्रोथ हुई है। जीडीपी में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था को लेकर कुछ भी कहना मुश्किल है।