भारत में राष्ट्रपिता और महात्मा के नाम से पुकारे जाने वाले मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। गुजरात से ही शुरुआत पढ़ाई करने के बाद उन्होंने ब्रिटेन से बैरिस्टरी की पढ़ाई की। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका जाकर बैरिस्टर बन गए। वहां रहने के दौरान उन्होंने वहां रहने वाले हिन्दुस्तानी और अफ्रीकी लोगों की भी मदद की और छुआछूट से संबंधित कई मसलों पर लड़ाई लड़ी। साल 1915 में भारत लौटने के बाद वह पूरी तरह से स्वतंत्रता आंदोलन में कूद गए। इसके बाद नमक आंदोलन, दांडी यात्रा, सविनय अवज्ञा आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, स्वेदेसी आंदोलन जैसे अहिंसा वाले आंदोलनों से उन्होंने अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया। 30 जनवरी, 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। लेकिन देश की आजादी में उनके योगदानों के लिए उनके जन्मदिन को भारतवर्ष में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप में मनाई जाती है। Read More
1947 में भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद देश की राष्ट्रीय मुद्रा में उनकी तस्वीर को उकेरा जाना एक विकल्प के रूप में देखा गया। लेकिन इसे कई दशक लग गए और फिर साल 1996 में उनकी तस्वीर को भारतीय रिजर्व बैंक ने मुद्रा पर लाने की अनुमति दी। ...
मन की बात के हालिया एपिसोड में, पीएम मोदी ने सभी नागरिकों से रविवार को "स्वच्छता के लिए एक घंटे का श्रमदान" करने का आह्वान किया। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अनुसार, मेगा ड्राइव के लिए देश भर में 9.20 लाख से अधिक साइटों को चुना गया है। ...
15 अगस्त 1947 से दूर होने के पीछे महात्मा गांधी का एक खास मकसद था। इस कारण बापू को 9 अगस्त 1947 को ही दिल्ली से कोलकाता पहुंचना पड़ा। पहुंचते ही उन्होंने शांति मिशन पर काम करना शुरू किया और वो इसमें कामयाब भी हुए। ...
इस बार 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी 154 वां जन्मदिवस देशभर में मनाया जाएगा। इस खास समय पर हम आपको उन जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां बापू ने अपने जीवनकाल के अहम पल बिताएं। यहां पहुंचकर आप बापू के बारे में जान सकते हैं। ...