इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का आविष्कार 1980 के दशक में हुआ था। भारत में पिछले कई सालों से ईवीएम से वोटिंग को लेकर राजनीतिक विवाद चल रहा है। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल भारत में आम चुनाव तथा राज्य विधानसभाओं के चुनाव में आंशिक रूप से 1999 में शुरू हुआ तथा 2004 से इसका पूर्ण इस्तेमाल हो रहा है। ईवीएम से पुरानी मतपत्र प्रणाली की तुलना में वोट डालने के समय में कमी आती है तथा कम समय में परिणाम घोषित करती है। Read More
सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि वो ईवीएम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पहले भी इस मुद्दे को उठा चुके हैं और उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने भी माना था कि ईवीएम में धांधली हो सकती है। ...
चुनाव के दौरान अमूमन मतदान कार्य में महिला कार्मियों की तैनाती नहीं देखी जाती थी, लेकिन इस बार मतदान केंद्रों की अधिक संख्या को देखते हुए चुनाव आयोग ने महिलाकर्मी की भी तैनाती करने का निर्णय लिया है. ...
भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा कोविड-19 की इस महामारी के दौर में मतदान कराने के संदर्भ में राजनीतिक दलों से मांगे गए सुझाव के संदर्भ में यह बात कही है। ...
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि ईवीएम का इस्तेमाल पिछले 20 सालों से किया जा रहा है और उच्चतम न्यायालय सहित अन्य अदालतें ईवीएम को मतदान के लिये सही ठहरा चुकी है, ऐसे में ईवीएम के बजाय मतपत्र की ओर वापस लौटने का सवाल ही नहीं उठता है। ...
सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि 100 वर्ष या इससे अधिक आयु के 150 मतदाताओं की पहचान की गई है और उन्हें सत्यापित किया गया है। सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद आंकड़ों को अपडेट किया जाएगा। अधिकारी घरों में जाकर यह जांचेंगे कि क्या ऐसे मतदाता जीवित हैं ...