मोहन भागवत ने कहा कि जब अंग्रेज भारत में आए तो उन्होंने हमारे देश के शिक्षा के मॉडल को कबाड़ खाने में डाल दिया। हमारे शिक्षा मॉडल को वो अपने देश में ले गए। जबकि अपने देश के मॉडल को अंग्रेजों ने भारत में लागू कर दिया। ...
हमारे यहां अधिकतर माता-पिता अपने बच्चों की स्कूलिंग पांच साल का होने से पहले ही शुरू करवा देते हैं। ऐसा करना ठीक नहीं है। सारे शिक्षा मनोवैज्ञानिक और तमाम शोध भी यही कहते हैं कि बच्चों को जल्दी स्कूल भेजने से उनके व्यवहार पर दुष्प्रभाव होता है। ...
आपको बता दें कि इससे पहले बाईजूस ने भी अपने यहां छंटनी की थी और करीब 1500 कर्मचारियों को काम से निकाला था। वहीं कंपनी ने पिछले साल भी 2500 लोगों को छंटनी की थी। ...
भारत में शिक्षा क्षेत्र में काफी कुछ किया जाना बाकी है। इसकी तस्दीक सामने कुछ आंकड़े कर रहे हैं। खराब छात्र-शिक्षक अनुपात के मामले में बिहार सबसे ऊपर है जबकि मध्य प्रदेश में एक शिक्षक वाले स्कूलों की संख्या सबसे अधिक है। ...
जनसंचार के इसी फैलते क्षेत्र और व्यापक प्रभाव ने इसे एक अकादमिक अध्ययन का विषय बनाया है और आज यह व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत पढ़े जाने वाले सर्वाधिक पसंदीदा विषयों में से एक है। ...
आज यदि शिक्षा के प्रति संशय और अन्यमनस्कता है तो इसका एक बड़ा कारण शिक्षा की विषयवस्तु और प्रक्रिया की दुर्बलता और देश के संदर्भ से उसका कटा होना भी है. ...