संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले- ब्रिटिश शासन से पहले भारत की 70 फीसदी आबादी शिक्षित थी, हमारे देश का शिक्षा मॉडल बर्बाद किया गया
By शिवेंद्र राय | Published: March 6, 2023 06:19 PM2023-03-06T18:19:55+5:302023-03-06T18:21:50+5:30
मोहन भागवत ने कहा कि जब अंग्रेज भारत में आए तो उन्होंने हमारे देश के शिक्षा के मॉडल को कबाड़ खाने में डाल दिया। हमारे शिक्षा मॉडल को वो अपने देश में ले गए। जबकि अपने देश के मॉडल को अंग्रेजों ने भारत में लागू कर दिया।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने दावा किया है कि भारत की 70 प्रतिशत आबादी अंग्रेजों के भारत पर आक्रमण करने से पहले शिक्षित थी। मोहन भागवत ने ब्रिटिश राज पर देश की शिक्षा प्रणाली को नष्ट करने का आरोप लगाया। ये बातें संघ प्रमुख ने करनाल में एक कार्यक्रम के दौरान कहीं।
भागवत ने रविवार को करनाल के आत्मा मनोहर जैन आराधना मंदिर परिसर में एक मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के उद्घाटन के दौरान कहा, "ब्रिटिश शासन से पहले हमारे देश की 70 फीसदी आबादी शिक्षित थी और कोई बेरोजगारी नहीं थी। जबकि इंग्लैंड में केवल 17 प्रतिशत लोग शिक्षित थे। उन्होंने अपने शिक्षा मॉडल को यहां लागू किया और हमारे मॉडल को अपने देश में लागू किया। इसलिए इंग्लैंड में 70 प्रतिशत लोग शिक्षित हुए, जबकि भारत की केवल 17 प्रतिशत आबादी शिक्षित रह गई।"
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने यह भी दावा किया कि अंग्रेजों के भारत में शासन करने से पहले, जाति और रंग के आधार पर समाज में कोई भेदभाव नहीं था क्योंकि शिक्षा प्रणाली लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तैयार की गई थी। संघ प्रमुख ने आगे कहा कि आजकल हमारे देश में स्थिति ऐसी है कि शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए कोई भी कुछ भी करने को तैयार है क्योंकि दोनों चीजें महंगी और दुर्लभ हो गई हैं।
बता दें कि मोहन भागवत ने हाल ही में धार्मिक ग्रंथो में सामाजिक-जातीय भेदभाव की बातें होने के आरोप पर कहा था कि भारत के ग्रंथों के साथ छेड़छाड़ की गई। भागवत ने बोला कि हमारे कुछ ग्रंथ तो खो गए, वहीं कुछ ग्रंथों में गलत विचार डलवाए गए। संघ प्रमुख ने कहा था, "हर किसी को अपनी संस्कृति की थोड़ी बहुत समझ तो होनी ही चाहिए। ये शिक्षा के जरिए हासिल की जा सकती है। अगर सामान्य बातचीत भी लगातार की जाएगी, ऐसा संभव है। इतिहास पर नजर डालें तो भारत ने हर चीज को हमेशा वैज्ञानिक नजरिए से समझा है। लेकिन लगातार जो अतिक्रमण हुए, उस वजह से हमारा सिस्टम बर्बाद हो गया और ज्ञान हासिल करने की जो प्रवृति थी, वो प्रभावित हो गई।"