अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को हर साल देशभर में दशहरा मनाया जाता है। बुराई पर अच्छाई की जीत का संकेत लिए ये त्योहार भगवान श्री राम का कहानी को बताता है जिन्होंने लंका में चले लगातार 9 दिनों तक हुए युद्ध में घमंडी रावण को मार गिराया था। देश के अलग-अलग हिस्सों में इसे मनाने के अलग अंदाज भी विकसित हुए हैं। जहां कुल्लू का दशहरा देश भर में काफी प्रसिद्ध है तो वहीं मैसूर के दशहरे को देखने के लिए भी लोग दूर-दूर से आते हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा सहित कई राज्यों में दुर्गा पूजा को भी इस दिन बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। Read More
त्यौहार केवल उल्लास का अवसर नहीं है बल्कि यह अवसर है अपनी चेतना को जगाने का, अपने विचारों को श्रेष्ठ बनाने का. और हां, हमारे त्यौहारों का एक खास सामाजिक संदेश भी है. जब हम त्यौहार मनाते हैं तो परिवार एक होता है, समाज एक होता है, हम एक दूसरे के निकट आ ...
2018 से पहले यह बाजार टैगोर गार्डन मेट्रो स्टेशन के पास तितारपुर गांव में लगा करता था, जिसे अब सुभाष नगर स्थानांतरित कर दिया गया है। पुतला निर्माण से जुड़े कलाकारों का कहना है कि कोई सुविधा उपलब्ध नहीं होने होने के कारण कारोबार और जीवन दोनों पर मार प ...
करीब 3,500 की आबादी वाला चिकलाना गांव हिंदू बहुल है। लेकिन यह बात इसे अन्य स्थानों से अलग करती है कि चैत्र नवरात्रि के अगले दिन रावण की नाक काटने की परंपरा में गांव का मुस्लिम समुदाय भी पूरे उत्साह के साथ मददगार बनता है। ...
मां दुर्गा के इस अंतिम रूप को नव दुर्गाओं में सबसे श्रेष्ठ माना गया है। माना जाता है कि केवल मां की पूजा सच्चे मन से करने से आपको पूरी 9 देवियों की कृपा मिलती है। ...