Durga Ashtami 2019: महाअष्टमी पर क्यों करते हैं धुनुची नाच, जानें क्या है इसका महत्व

By मेघना वर्मा | Published: October 6, 2019 09:36 AM2019-10-06T09:36:06+5:302019-10-06T09:36:06+5:30

कोलकाता की इस पारंपरिक रस्म को अब देश भर के दुर्गा पूजा पंडाल में देखा जा सकता है। कई जगहों पर तो इस धुनुची नाच की प्रतियोगिता भी रखी जाती है।

Durga Ashtami 2019: what is dhunuchi naach or dhunuchi dance its significance in hindi | Durga Ashtami 2019: महाअष्टमी पर क्यों करते हैं धुनुची नाच, जानें क्या है इसका महत्व

Durga Ashtami 2019: महाअष्टमी पर क्यों करते हैं धुनुची नाच, जानें क्या है इसका महत्व

Highlightsधुनुची नाच बंगाल में होने वाली सबसे पुरानी परंपराओं में से एक है। धुनुची नाच को शक्ति नाच भी कहा जाता है।

चारों ओर सजे दुर्गा पूजा पंडाल में अगर आप घूमने निकले हैं तो मां दु्र्गा की आलिशान प्रतिमा के साथ आपको जो चीज सबसे पहले दिखाई देगी वो है पंडाल में होने वाला धुनुची नाच। हाथों में धुनुची लिए ढाक की थाप पर पैरों और हाथों से किए जाने वाले इस नृत्य को देखकर आप भी मंत्रमुग्ध जरूर हुए होंगे। 

आखों को ठहरा देने वाले इस नृत्य की शुरुआत वैसे तो नवरात्रि के पहले दिन से ही हो जाती है। मां के दरबार में किया जाने वाला ये नृत्य देवी दुर्गा की शक्ति का एहसास दिलाता है। इस साल भी आप दुर्गा पूजा पंडाल जाएंगे तो आपको धुनुची नाच देखने को जरूर मिलेगा। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि ये धुनुची नाच क्या होता है और पूजा पंडाल में इसे किए जाने की क्या महत्ता है। आईए हम आपको बताते हैं।

मुंह में धुनुची दबाकर या हाथों को पूरा गोल घुमाकर धुनुची नाच करना और उसे देखना दोनों ही दिल के बेहद करीब है। दरसल धुनुची नाच को शक्ति नृत्य भी कह सकते हैं। बंगाल की परंपराओं में ये नृत्य देवी भवानी की शक्ति और ऊर्जा बढ़ाने के लिए किया जाता था। पुराणों के अनुसार जिस समय मां दुर्गा महिषासुर का वध करने जा रही थी उस वक्त भक्तों ने धुनुची नाच किया था।

माना जाता है कि महिषासुर बहुत बलशाली था। उसे कोई नर या देवता नहीं मार सकता था। उसके बल से सभी परेशान थे। ऐसे में देवी भवानी ने उसका वध किया। जब वह महिषासुर का वध करने जा रही थीं तो उनके भक्तों ने उनकी ऊर्जा को बढ़ाने और शक्ति को बढ़ाने के लिए ढाक की थाप पर धुनुची नाच किया था। तभी से ये परंपरा आज तक चली आ रही है।

क्या होता है धुनुची

धुनुची मिट्टी के आकार का होता है। जिसके नीचे उसे पकड़ भी मिट्टी की बनी हुई होती है। इस धुनुची में सूखे नारियल की जाट रखते हैं। साथ ही सभी हवन के सामानों को रखकर इसे जलाया जाता है। पारंपरिक तौर पर यही धुनुची सबसे शुद्ध और सही मानी जाती है। इसे ही लेकर भक्त अपने नाच से देवी मां की उपासना करते हैं। खास बात ये हैं कि इस धुनुची नाच के लिए किसी तरह की प्रैक्टिस नहीं की जाती।

कोलकाता की इस पारंपरिक रस्म को अब देश भर के दुर्गा पूजा पंडाल में देखा जा सकता है। कई जगहों पर तो इस धुनुची नाच की प्रतियोगिता भी रखी जाती है। जिसमें क्या पुरुष क्या महिलाएं सभी हिस्सा लेते हैं। 

Web Title: Durga Ashtami 2019: what is dhunuchi naach or dhunuchi dance its significance in hindi

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे