आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई समय सीमा और कोई रोडमैप है? सर्वोच्च न्यायलय में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ इस मामले की सुन ...
सुनावई के दौरान CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अनुच्छेद 35-A ने नागरिकों के कई मौलिक अधिकारों को छीन लिया है। इसने नागरिकों से जम्मू- कश्मीर में रोजगार, अवसर की समानता, संपत्ति अर्जित करने के अधिकार छीना है। ये अधिकार खास तौर पर गैर-निवासियों से छीने ...
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, पत्रकारों से बात करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा, "हमें सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद है कि वह न्याय करेगा। हमारा संघर्ष यहीं खत्म नहीं होता है। हमारा संघर्ष जारी रहेगा।" ...
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मैं उन बहुसंख्यक समुदाय के लोगों के बारे में बात कर रहा हूं जो रामचंद्र जी और उनके वचन में विश्वास करते हैं कि 'रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई' इसलिए मुझे लगता है कि 'वचन' आज प्रीम कोर्ट में ट्रायल पर है। ...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के पंचायती राज परिषद का वर्चुअल उद्घाटन करते हुए कहा कि देश में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी ने कभी भी पंचायती राज को कभी सशक्त नहीं बनाया। ...
5 अगस्त 2019 को राज्य को दो हिस्सों में विभाजित करने के बाद यह दूसरा अवसर था कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने की बरसी पर प्रशासन ऐसे कदम उठाने पर मजबूर हुआ था। हालांकि पिछले साल प्रशासन ने खराब मौसम का बहाना कर के 4 अगस्त को ही यात्रा को गैर सरकारी तौर पर ख ...
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और जम्मू-कश्मीर के अन्य नेताओं को नजरबंद कर दिया गया। ...