महबूबा मुफ्ती को 'भगवान राम और रघुकुल रीति' की याद आई, सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 पर सुनवाई के बाद कही ये बात
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: August 16, 2023 05:40 PM2023-08-16T17:40:00+5:302023-08-16T17:41:42+5:30
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मैं उन बहुसंख्यक समुदाय के लोगों के बारे में बात कर रहा हूं जो रामचंद्र जी और उनके वचन में विश्वास करते हैं कि 'रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई' इसलिए मुझे लगता है कि 'वचन' आज प्रीम कोर्ट में ट्रायल पर है।

पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में इस समय जम्मू-कश्मीर से खत्म किए गए अनुच्छेद 370 को लेकर सुनवाई चल रही है। अनुच्छेद 370 के फिर से बहाल होने की उम्मीद लेकर बैठीं पीडीपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को अब भगवान राम और रघुकुल रीति की याद आई है। महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को भगवान राम और उनके 'रघु' वंश का जिक्र करते हुए कहा कि 1947 में भारतीयों द्वारा जम्मू-कश्मीर के मूल निवासियों से वादा किया गया था। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और उन्हें अभी भी विश्वास है ।
जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता ने शीर्ष अदालत के लॉन में मीडिया से बात करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट जिस मामले की सुनवाई कर रहा है वह भारत के लोगों से संबंधित है।
उन्होंने कहा, "इस देश को बहुसंख्यकवाद के आधार पर नहीं चलाया जा सकता। यह देश संविधान के अनुसार चलेगा।" उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने का मुद्दा भारत के लोगों और 1947 में कश्मीर के मूल निवासियों से किए गए वादे से संबंधित है।
पीडीपी नेता ने कहा, "हम जानते हैं कि देश की संस्थाओं को क्या हुआ है। सौभाग्य से, हमें अभी भी इस देश के सर्वोच्च न्यायालय पर कुछ भरोसा है। मैं उनसे अपील करना चाहता हूं कि देश 'रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन ना जाए' के सिद्धांत में विश्वास करता है।। मैं उन लोगों के बारे में बात नहीं कर रहा हूं जो 'जय श्री राम' के नाम पर हत्या करते हैं और 'जय श्री राम' के नाम पर लिंचिंग करते हैं।"
महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा, "मैं उन बहुसंख्यक समुदाय के लोगों के बारे में बात कर रहा हूं जो 'रामचंद्र जी', उनके वचन में विश्वास करते हैं कि 'रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई' इसलिए मुझे लगता है कि 'वचन' आज प्रीम कोर्ट मेंट्रायल पर है।"
पीडीपी नेता ने कहा कि यह शीर्ष अदालत और भारतीय नागरिकों को देखना है कि देश संविधान के अनुसार चलेगा या किसी विशेष पार्टी के विभाजनकारी एजेंडे के अनुसार।उन्होंने कहा कि वह इस बात से संतुष्ट हैं कि अदालत ने केंद्र की इस दलील को स्वीकार नहीं किया कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के बाद पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर में स्थिति में सुधार हुआ है।
बता दें कि शीर्ष अदालत में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने की संवैधानिकता को लेकर सुनवाई कर रही है।